नई दिल्ली। भारत ने अफगानिस्तान में अपनी कूटनीतिक उपस्थिति मजबूत करते हुए काबुल में तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास का दर्जा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह घोषणा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी के बीच नई दिल्ली में हुई ऐतिहासिक बैठक के बाद की गई। यह 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार है जब कोई वरिष्ठ तालिबान नेता भारत की आधिकारिक यात्रा पर आया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मुत्तकी पर लगे यात्रा प्रतिबंध को अस्थायी रूप से हटाए जाने से यह दौरा संभव हो सका। बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग,भारत द्वारा अफगानिस्तान के विकास परियोजनाओं में सहायता,क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएं,लोगों से लोगों के बीच संपर्क जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। डॉ. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मित्रता को मजबूत करेगा। इस अवसर पर भारत ने अफगानिस्तान को 20 एम्बुलेंस और चिकित्सा उपकरणों का तोहफा दिया, जिनमें से 5 एम्बुलेंस आधिकारिक तौर पर सौंपी गईं। अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी ने भारत की मेजबानी और सहायता के लिए धन्यवाद दिया तथा आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।भारत ने पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में 30 अरब रुपये से अधिक की सहायता दी है, जिसमें 500 से अधिक विकास परियोजनाएं शामिल हैं।
