बोकारो थर्मल :बोकारो थर्मल स्थित डिग्री कॉलेज मैदान में रविवार को डुमरी के विधायक ने डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ आयोजित जनाक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्षों बाद भी राज्य निर्माण के विस्थापितों,आंदोलनकारियों एवं शहादत देनेवाले लोगों के परिवारों की स्थिति में किसी भी प्रकार की सुधार नहीं हो पाई है.राज्य में कोयला के खदान,पावर प्लांटों,बीएसएल के प्लांट,बारुद कारखाना,सिंदरी के खाद कारखाने आदि औद्योगिक संस्थानों को लगाने में राज्य के लोगों ने अपने पूर्वजों की जमीनों को देने का काम किया है परंतु आज भी राज्य का जनमानस इस बात को लेकर सवाल कर रही है कि हमने अपनी खेतिहर जमीनों को देने का काम किया तो बदले में हमें क्या दिया गया है.यह सवाल सभी झारखंडियों का है.कहा कि आज हम अपने हक एवं अघिकार की लड़ाई को लेने के लिए लड़ाई लड़ने की जरुरत है.मौत से सभी को आती है परंतु अपने हक एवं अधिकार को लेकर लड़कर मरने की बात ही कुछ और है.कहा कि डीवीसी प्रबंधन एवं उनके पाले हुए गुंडों से डरकर रहने की जरुरत नहीं है.कहा कि राज्य में बेरोजगारी का आलम के कारण ही राज्य के बेरोजगार युवक देश के अन्य प्रांतों एवं देश से बाहर जाकर काम करने को विवश हैं.नाइजर में आज भी राज्य के पांच प्रवासी मजदूर आतंकवादियों के कब्जे में है और सरकार उसे रिहा करवाने में विफल रही है.कहा कि बेहतर हो कि बाहर जाकर काम करने के स्थानीय स्तर पर डीवीसी प्रबंधन से लड़कर रोजगार एवं हक अधिकार को लेने का काम करें.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार बंग्ला देश,श्रीलंका,इंडोनेशिया एवं नेपाल में बेरोजगारा युवकों ने प्रधानमंत्री एवं राष्टपति को सत्ता से हटाने का काम किया है उसी प्रकार डीवीसी के वरीय जीएम,जीएम एवं डीजीएम एवं एचआर को खदेड़ने की जरुरत है.कहा कि जेल जाने से विस्थापितों को डरने की जरुरतर नहीं है,विदेश जाकर आतंकवादियों के कब्जे में कैद होने,देश के अन्य राज्यों में जाकर मरने से बेहतर है कि ऐसे प्रबंधन के खिलाफ अपने हक एवं अधिकार को लेकर लड़कर जेल जाने का काम करें क्योंकि जेल से बेहतर कोई स्थान नहीं है.कहा कि ऐसे पदाधिकारियों को सबक सिखाने एवं दो-दो हाथ करने की जरुरत है.कहा कि हमारी जमीन पर उद्योग धंधे लगाकर हमको आंख दिखाने वालों को कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा.विदेश जाकर करने से बेहतर है कि अपने राज्य में रहकर आंदोलन करें भले ही पुलिस की लाठी खानी पड़े या जेल जाना पड़े.विधायक ने राज्य सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में विस्थापितों को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई थी.महासभा को पूजा महतो,मोतीलाल महतो,मनोज यादव आदि ने भी संबोधित किया.सभा का संचालन जिला सचिव खगेंद्र महतो ने किया.सभा में डॉ दशरथ महतो,नीलकंठ महतो,जगदीश महतो,जगदीश राय,स्नेहा,अनिता महतो,उत्पल मंडल,मुनेश्वर महतो सहित कई लोग मौजूद थे.
