देवघर, । आगामी दुर्गा पूजा 2025 को लेकर देवघर प्रशासन द्वारा पूजा समितियों के साथ की गई बैठक पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला मंत्री चंद्रशेखर खवाड़े ने प्रशासनिक निर्णयों को उच्च न्यायालय के आदेशों और सनातन परंपरा के विरुद्ध बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
खवाड़े ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नवंबर 2015 में झारखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मूर्ति विसर्जन पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि यह आस्था से जुड़ा विषय है। अदालत ने सरकार को केवल विसर्जन के बाद जल स्रोतों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि देवघर प्रशासन शिवगंगा तालाब जैसे पौराणिक जल स्रोतों में मूर्ति विसर्जन परंपरा को खंडित करने का प्रयास कर रहा है, जो लगभग 150 वर्षों से चली आ रही है।
उन्होंने मांग की कि मुंबई की तरह देवघर में भी विसर्जन के तुरंत बाद सफाई की समुचित व्यवस्था हो। साथ ही, तालाबों और नदियों पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई कर उन्हें पुनर्जीवित करने पर जोर दिया।
खवाड़े ने कहा कि दुर्गा पूजा सनातनियों का एक महान पर्व है और इसमें डीजे व ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाना भी अनुचित है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह परंपरागत पूजा और मूर्ति विसर्जन में सहयोग करे ताकि धार्मिक भावनाएं आहत न हों।