रांची। झारखंड कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान का असर अब ज़मीन पर दिखने लगा है। पार्टी ने सभी जिलों में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही 24 जिलों और एक नगर कांग्रेस (कुल 25 संगठनात्मक इकाइयों) में नए अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक जिले में पर्यवेक्षक भेजे गए हैं, जो छह-छह नामों की अनुशंसा करेंगे। अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान के हाथ में होगा।

पार्टी की रणनीति नए और युवा चेहरों को मौका देने की है, साथ ही सामाजिक संतुलन पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। तय किया गया है कि 50% से अधिक जिलों में अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति (ST), अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) नेताओं को सौंपा जाएगा। वहीं केवल 4-5 जिलों में सवर्ण नेताओं को यह जिम्मेदारी मिल सकती है।
पलामू में दिलचस्प मुकाबला, रांची में असमंजस
पलामू जिला अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला रोचक माना जा रहा है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के पुत्र प्रशांत किशोर का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है, वहीं पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के करीबी विवेकानंद त्रिपाठी भी दावेदारी में हैं।
रांची जिले को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की पसंद डॉ. कुमार राजा माने जा रहे हैं, जबकि मौजूदा ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. राकेश किरण महतो को एक और मौका देने की मांग भी उठ रही है।
धनबाद और बोकारो में वरिष्ठ नेताओं का प्रभाव
धनबाद में वरिष्ठ नेता जलेश्वर महतो की पसंद को तरजीह मिलने की संभावना जताई जा रही है। बोकारो सहित कुछ जिलों में बड़े नेताओं का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पंचायत स्तर तक अभियान
प्रदेश प्रभारी के. राजू 15 से 21 सितंबर तक लगातार जिलों में जाकर पंचायत स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर रहे हैं। इन बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश भी शामिल हैं। पार्टी का लक्ष्य भविष्य के नेतृत्व की पहचान करना है, ताकि ब्लॉक और जिला स्तर पर मजबूत संगठन खड़ा किया जा सके।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार परिवारवाद और जातिगत समीकरण से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, हालांकि कुछ जिलों में पारंपरिक ढर्रा अभी भी जारी है।