सी0 सु0 बल मेरु द्वारा हिंदी पखवाड़ा का भव्य समापन समारोह का आयोजन

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : सीमा सुरक्षा बल मेरु में शनिवार को प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय मेरु परिसर के परिवार कल्याण केंद्र में राजभाषा हिंदी पखवाड़ा का समापन समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में धीरेन्द्र कुटे (भा0 पु0 से0) महानिरीक्षक महोदय ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। राजभाषा हिंदी का तात्पर्य है राज-काज की भाषा। यह वह भाषा है जिसमें देश की सरकार के कार्यों का निष्पादन होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी। सीमा सुरक्षा बल, गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत होने के नाते, अपने प्रशासनिक और परिचालन संबंधी अधिकांश कार्यों में हिंदी का उपयोग करता है। आधिकारिक परिपत्रों, आदेशों, रिपोर्टों और अंतर-विभागीय संचार में हिंदी का प्रयोग सुनिश्चित किया जाता है। जवानों के प्रशिक्षण और उन्हें दैनिक निर्देश देने में हिंदी सबसे सुलभ भाषा है, जो यह सुनिश्चित करती है कि निर्देश स्पष्ट रूप से समझा जा सकें और उनका पालन हो सके। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिरीक्षक एवं मंच पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन और सीमा सुरक्षा बल गान से किया गया। राजभाषा अधिकारी द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया, जिसके उपरांत हिंदी पखवाड़े के दौरान राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु किए गए विभिन्न कार्यों और प्रतियोगिताओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। महानिरीक्षक ने राजभाषा शपथ दिलाई और इसके तुरंत बाद, पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को महानिरीक्षक के कर कमलों द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए। उन्होंने अपने संबोधन मे राजभाषा हिंदी के प्रयोग और इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है और सरकारी कामकाज में इसका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। बल की विशाल और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के निर्वहन में हिंदी भाषा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए जवानों के बीच संवाद और समन्वय स्थापित करने के लिए हिंदी एक प्रभावी माध्यम का काम करती है। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और सरकारी कामकाज में इसके उपयोग को बढ़ावा देना है। सीमा सुरक्षा बल न केवल शारीरिक रूप से देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है, बल्कि अपने दैनिक कार्यप्रणाली और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करने के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करने हेतु भी सदैव तैयार रहता है। हिंदी इस बल की परिचालन दक्षता और आंतरिक समन्वय का एक अभिन्न अंग है।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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