नई दिल्ली / जलपाईगुड़ी / संथाल हूल एक्सप्रेस।
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर हुए कथित हमले के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से तीन दिनों के भीतर विस्तृत जांच प्रतिवेदन (Inquiry Report) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

आयोग द्वारा जारी नोटिस में पश्चिम बंगाल पुलिस महानिदेशक (DGP) और जलपाईगुड़ी जिला पुलिस अधीक्षक (SP) से कहा गया है कि वे इस मामले में की गई कार्रवाई और तथ्यों की जानकारी आयोग को तत्काल उपलब्ध कराएं।
आयोग ने यह कदम The Indian Express, मालदा नॉर्थ डेटेड 06.10.2025 में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर उठाया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने इसे जनजातीय प्रतिनिधि पर हमला मानते हुए संविधान के अनुच्छेद 338A के तहत अपनी जांच शक्तियों का प्रयोग करने का निर्णय लिया।
नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यदि तीन दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता है, तो आयोग को न्यायालय के समान शक्तियाँ प्रयोग कर व्यक्तिगत या प्रतिनिधि स्तर पर तलब करने (Summon) का अधिकार है।
आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी —
“सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले का आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है।
यह न केवल एक जनप्रतिनिधि पर हमला है बल्कि जनजातीय समुदाय की आवाज को दबाने का प्रयास भी है।
आयोग ने राज्य प्रशासन से शीघ्र रिपोर्ट मांगी है।”
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मालदा जिले में राहत कार्यों के दौरान भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया था।
इस घटना ने बंगाल में कानून व्यवस्था और राजनीतिक हिंसा पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं।
भाजपा ने इसे “सत्तारूढ़ दल द्वारा विपक्षी आवाजों को दबाने का प्रयास” बताया है।
????– विशेष संवाददाता, संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक)