सात साल से अटका रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जमीन के म्यूटेशन न होने से ठप पड़े काम

रांची । रांची स्मार्ट सिटी परियोजना सात वर्षों से जमीन विवाद में फंसी हुई है, जिसके चलते इसकी प्रगति पूरी तरह से ठप पड़ गई है और निवेशकों के करोड़ों रुपये अटके हुए हैं। मुख्य समस्या एचईसी से प्राप्त लगभग 656 एकड़ जमीन के म्यूटेशन की है, जिसे राज्य सरकार ने रांची स्मार्ट सिटी लिमिटेड को हस्तांतरित किया था। अब तक राजस्व रिकॉर्ड में इस जमीन का स्वामित्व स्थानांतरण पूरा नहीं हो सका है।

झारखंड बिल्डिंग बाइलॉज के अनुसार, जमीन का म्यूटेशन पूरा होने तक किसी भी निर्माण के लिए बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। इस तकनीकी अड़चन के कारण परियोजना से जुड़े सभी कार्य प्रभावित हुए हैं।

अब तक इस स्मार्ट सिटी क्षेत्र की लगभग 70 एकड़ जमीन 16 निजी निवेशकों और संस्थाओं को 99 साल की लीज पर आवंटित की जा चुकी है। इन निवेशकों ने शुरुआती भुगतान के रूप में करोड़ों रुपये जमा किए हैं, लेकिन म्यूटेशन न होने के कारण वे निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पा रहे हैं।

समाधान के लिए अब तीन-चरणीय प्रक्रिया अपनाई जाएगी – पहले एचईसी से नगर विकास विभाग के नाम, और फिर अंत में रांची स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम म्यूटेशन किया जाएगा।

रांची स्मार्ट सिटी परियोजना, जिसका शिलान्यास 2016 में किया गया था, में आईटी पार्क, आवासीय और कार्यालय भवन, मॉल, अस्पताल, स्कूल और विश्वविद्यालय जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। 1200 करोड़ रुपये से अधिक की इस परियोजना के लगातार अटके रहने से शहर के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

Leave a Comment