कश्मीर में SIA का बड़ा ऑपरेशन: घाटी के छह जिलों में एक साथ छापेमारी, आतंक नेटवर्क से जुड़े कई दस्तावेज बरामद

जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग और स्लीपर सेल्स पर नकेल, NIA के तर्ज पर बनी एजेंसी ने की समन्वित कार्रवाई

श्रीनगर / नई दिल्ली, विशेष संवाददाता (संथाल हूल एक्सप्रेस):
जम्मू-कश्मीर में स्टेट इंटेलिजेंस एजेंसी (SIA) ने आतंकी मामलों में एक बड़ा और समन्वित ऑपरेशन चलाया है।
मंगलवार सुबह घाटी के छह जिलों में 12 जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई।
यह कार्रवाई आतंकवादी फंडिंग, ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क और संदिग्ध विदेशी संपर्कों से जुड़े मामलों की जांच के तहत की गई है।

कहां-कहां हुई कार्रवाई

जिन जिलों में छापेमारी की गई, उनमें शामिल हैं —

डांगीवाचा (Baramulla)

कुपवाड़ा

अनंतनाग

बडगाम

शोपियां

बटपोरा (Pulwama)

सुबह करीब 5 बजे से ही इन जिलों में SIA की टीमें CRPF और स्थानीय पुलिस के साथ पहुंचीं।
कई जगहों पर संदिग्ध व्यक्तियों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तलाशी ली गई।

जांच का फोकस — आतंकी फंडिंग और विदेशी कनेक्शन

सूत्रों के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई आतंकी फंडिंग (Terror Funding) और हवाला नेटवर्क से जुड़े केस नंबर SIA-23/2024 के अंतर्गत की गई।
एजेंसी को शक है कि घाटी में कुछ स्थानीय व्यापारी और NGO संगठन पाकिस्तान और खाड़ी देशों से प्राप्त फंड को आतंकियों तक पहुंचा रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“कुछ स्थानों से डिजिटल उपकरण, बैंक रिकॉर्ड, और पाकिस्तान से भेजे गए ऑनलाइन लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं।
ये दस्तावेज़ आगे की जांच के लिए साइबर-फॉरेंसिक टीम को भेजे गए हैं।”

पृष्ठभूमि: NIA की तर्ज पर बना SIA

जम्मू-कश्मीर में SIA (State Investigation Agency) की स्थापना 2021 में केंद्र सरकार के आदेश पर NIA की तर्ज पर की गई थी।
इस एजेंसी का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, साइबर अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और स्लीपर सेल नेटवर्क की गहन जांच करना है।

पिछले दो वर्षों में SIA ने 40 से अधिक ऑपरेशनों में

कई आतंक वित्त पोषकों को गिरफ्तार किया,

सैकड़ों फर्जी सिम कार्ड जब्त किए,

और सीमा पार संपर्कों के कई नेटवर्क तोड़े।

एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई

पिछले कुछ महीनों से जम्मू-कश्मीर में NIA, ED, और SIA लगातार साझा छापेमारी अभियान चला रही हैं।
विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंक संगठनों TRF (The Resistance Front) और LeT (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े
ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की पहचान और गिरफ्तारी की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि
“कई जगहों पर मिले दस्तावेजों में आतंकी गतिविधियों से जुड़े कोडवर्ड और संदिग्ध डिजिटल फाइलें मिली हैं।”

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बताया कि यह छापेमारी कानूनी प्रक्रिया और अदालत के निर्देशों के तहत की गई है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रवक्ता ने कहा —

“सभी कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर केंद्रित है।
निर्दोष नागरिकों को परेशान न करने के निर्देश स्पष्ट रूप से दिए गए हैं।”

आतंकी नेटवर्क पर बढ़ता दबाव

सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क को
सीमित संसाधनों, कड़ी निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग के कारण भारी नुकसान हुआ है।
इस कारण अब आतंक संगठन हवाला और सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन नेटवर्किंग के रास्ते तलाश रहे हैं।

पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) एस.पी. वैद्य ने कहा —
“SIA की लगातार कार्रवाइयों से आतंकियों की फंडिंग लाइनों पर असर पड़ा है।
अब उन्हें स्थानीय स्तर पर भी समर्थन जुटाना मुश्किल हो रहा है।”

भविष्य की रणनीति

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अनुसार,
आने वाले महीनों में SIA और NIA संयुक्त डिजिटल सर्विलांस प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं,
जिससे जम्मू-कश्मीर के सभी सीमावर्ती जिलों में वित्तीय लेनदेन, संचार और यात्रा डेटा की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।

यह प्रणाली आतंक गतिविधियों की ‘प्रोएक्टिव डिटेक्शन’ (Proactive Detection) में मदद करेगी।

कश्मीर में आतंक नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार

SIA का यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है,
लेकिन यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार का फोकस अब केवल “आतंकी कार्रवाई” पर नहीं, बल्कि आतंकी अर्थव्यवस्था और नेटवर्क संरचना को तोड़ने पर है।

“घाटी में अब डर नहीं, विश्वास की नींव रखी जा रही है —
और SIA की यह कार्रवाई उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।”

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Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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