संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक) का विशेष लेख
साहिबगंज, 8 अक्टूबर:
देश की रक्षा के गौरवशाली इतिहास में 8 अक्टूबर का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
इसी दिन भारतीय वायुसेना की स्थापना हुई थी, और आज के दिन पूरे देश में “भारतीय वायुसेना दिवस” (Indian Air Force Day) को गर्व और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है।
संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक) ने इस अवसर पर देश के सभी वायुसैनिकों को नमन करते हुए कहा —
“आसमान की ऊँचाइयों पर भारत की रक्षा करने वाले वायुसेना के जांबाज योद्धा देश की शान और सुरक्षा के प्रतीक हैं।”
???????? वायुसेना — पराक्रम और अनुशासन का प्रतीक
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी।
आज यह दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में से एक है, जो आधुनिक तकनीक, रणनीतिक कौशल और अदम्य साहस के लिए जानी जाती है।
वायुसेना का ध्येय वाक्य — “नभः स्पृशं दीप्तम्” (आकाश को छूने वाले तेज से दीप्त) — उसकी वीरता और समर्पण का प्रतीक है।
✈️ हर संकट में राष्ट्र की ढाल
वायुसेना ने 1947, 1965, 1971 और 1999 (कारगिल युद्ध) में अपने साहस और अद्भुत रणनीति से दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए।
आपदा और संकट की घड़ी में भी भारतीय वायुसेना हमेशा देश के नागरिकों की मदद के लिए सबसे आगे रही है — चाहे वह बाढ़ राहत अभियान हो, भूकंप राहत कार्य, या फिर विदेशों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना (Operation Ganga, Operation Rahat)।
???? आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
आज भारतीय वायुसेना राफेल, तेजस, सुखोई, मिराज और अपाचे हेलीकॉप्टरों जैसी अत्याधुनिक क्षमताओं से सुसज्जित है।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत वायुसेना ने देशी तकनीक और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को नई उड़ान दी है।
????️ संथाल हूल एक्सप्रेस का संपादकीय संदेश
“भारतीय वायुसेना केवल युद्ध की शक्ति नहीं, बल्कि सेवा, अनुशासन और समर्पण का जीवंत उदाहरण है।
उनके पराक्रम ने भारत को न केवल सुरक्षित रखा है, बल्कि हर नागरिक के दिल में गर्व का भाव जगाया है।”
इस अवसर पर देशभर में वायुसेना परेड, एयर शो, और वीर सैनिकों को सम्मान समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
राजधानी दिल्ली के पास गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर मुख्य समारोह आयोजित हुआ, जिसमें वायुसेना के विमानों ने अद्भुत करतब दिखाकर राष्ट्र का मन मोह लिया।