पाकुड़ जिले को नीति आयोग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मिला दूसरा स्थान, मसूरी में होगा सम्मान समारोह

पीवीटीजी समुदायों के लिए आजीविका सृजन’ योजना ने दिलाया राष्ट्रीय गौरव

पाकुड़, 8 अक्टूबर:
झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले ने एक बार फिर राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।
भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा आयोजित “यूज़ केस फॉर नीति फॉर स्टेट्स चैलेंज” प्रतियोगिता में पाकुड़ जिले की प्रस्तुति “पीवीटीजी समुदायों के लिए आजीविका सृजन (Creating Livelihoods for PVTGs)” को पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

यह उपलब्धि “वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास” (Financial Inclusion and Skill Development) विषय के अंतर्गत हासिल की गई है।


???? मसूरी में आयोजित होगा सम्मान समारोह

नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी पत्र (दिनांक 19 सितंबर 2025) के अनुसार, पाकुड़ जिले के उपायुक्त श्री मनीष कुमार, आईएएस को 9 अक्टूबर 2025 को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में आयोजित होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

यह पत्र नीति आयोग के निदेशक श्री शोएब अहमद कलाल द्वारा जारी किया गया है। इसमें उल्लेख है कि पाकुड़ जिले की यह परियोजना अत्यंत पिछड़े जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए आजीविका, प्रशिक्षण और वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में एक उत्कृष्ट उदाहरण बनी है।


???? क्या है “पीवीटीजी समुदायों के लिए आजीविका सृजन” योजना?

इस योजना के अंतर्गत पाकुड़ जिले के प्रशासन ने पहाड़िया जनजाति सहित अत्यंत पिछड़े समूहों के लिए रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
परियोजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित रहे —

स्थानीय जनजातीय परिवारों को कौशल विकास प्रशिक्षण देना।

महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से छोटे उद्योगों की स्थापना।

बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना और वित्तीय साक्षरता को बढ़ाना।

स्थानीय संसाधनों के उपयोग से आर्थिक सशक्तिकरण का मॉडल तैयार करना।

नीति आयोग ने इस पहल को “सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अभ्यास” (Best Practice) के रूप में सराहा है और इसे अन्य जिलों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बताया है।


???? झारखंड सरकार को दी गई सूचना

नीति आयोग ने अपने पत्र की प्रति मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, योजना विभाग, और संबंधित जिलाधिकारी को भी भेजी है।
पत्र में कहा गया है कि पाकुड़ जिला प्रशासन इस उपलब्धि के लिए 9 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में औपचारिक रूप से सम्मान ग्रहण करेगा।

नीति आयोग ने उपायुक्त से अनुरोध किया है कि वे अपनी उपस्थिति की पुष्टि 27 सितंबर 2025 तक कर दें।


???? अधिकारियों की प्रतिक्रिया

पाकुड़ के उपायुक्त मनीष कुमार (आईएएस) ने इस सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा —

“यह सफलता पूरे पाकुड़ प्रशासन और स्थानीय जनजातीय समुदायों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
हमारा उद्देश्य है कि इस मॉडल को झारखंड के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सके।”

झारखंड सरकार के योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व का विषय है और यह दिखाती है कि ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासनिक नवाचार से कितना बड़ा बदलाव संभव है।


???? राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की पहचान

इस उपलब्धि से झारखंड राज्य ने सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
पाकुड़ जिले की यह पहल सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) और आत्मनिर्भर भारत मिशन की भावना को सशक्त करती है।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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