रांची। झारखंड के ओबीसी विद्यार्थियों को पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति भुगतान में हो रही देरी ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ई-क्लरण छात्रवृत्ति योजना में गड़बड़ी और भुगतान में लंबित राशि के कारण हजारों छात्र परेशान हैं। इसी मुद्दे को लेकर छात्रों ने आदिवासी कल्याण आयुक्त, कल्याण परिसद, रांची को ज्ञापन सौंपा और शीघ्र समाधान की मांग की। छात्र प्रतिनिधि राहुल कुमार राणा और आमिर हमजा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र एकजुट हुए और अपनी समस्याएं सामने रखीं। विद्यार्थियों का आरोप है कि केंद्र और राज्य दोनों की लापरवाही ने स्थिति को विकट बना दिया है।
सूत्रों के अनुसार, छात्रवृत्ति योजना का प्रावधान केंद्र सरकार (60%) और राज्य सरकार (40%) की साझेदारी से होता है। लेकिन पिछले दो वर्षों से केंद्र द्वारा राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। वहीं, राज्य सरकार ने भी अपना हिस्सा नहीं दिया।परिणामस्वरूप, सत्र 2022–23 से अब तक छात्रवृत्ति वितरण पूरी तरह ठप है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य को केवल ₹11.40 करोड़ प्राप्त हुए, जबकि आवेदन राशि ₹93.80 करोड़ थी। वित्तीय वर्ष 2025 में कल्याण विभाग को कुल ₹839 करोड़ का प्रावधान (केंद्र – ₹627 करोड़, राज्य – ₹212 करोड़) मिला है, बावजूद इसके छात्रों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पाया है। उधर, आवेदन प्रक्रिया में भी तकनीकी खामियाँ सामने आई हैं। 18 और 19 सितम्बर को जब बड़ी संख्या में छात्रों ने आवेदन किया तो पोर्टल पर
ईमेल आईडी अलरेडी एग्ज़िस्ट्स
और यूआईडी अलरेडी एग्ज़िस्ट्स जैसी त्रुटियों के चलते हजारों विद्यार्थी आवेदन से वंचित रह गए। कई आवेदन बिना कारण अस्वीकार कर दिए गए। छात्रों की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार तत्काल लंबित राशि जारी करें, पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और छात्रवृत्ति भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाया जाए।
विद्यार्थियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
