रांची। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा 26 जून 2025 को जारी आदेश पत्रांक 3829 अब तक अधिकांश विभागों तक नहीं पहुंच सका है। प्रोजेक्ट भवन स्थित कई विभागों में भी यह आदेश औपचारिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जबकि यह आदेश झारखंड सचिवालय सेवा के राजपत्रित और अराजपत्रित पदाधिकारियों से संबंधित है। वार्षिक गोपनीय चारित्री एसीआर संबंधी पूर्व के आदेश में संशोधन कर जारी किए गए इस आदेश की प्रति अनौपचारिक रूप से अधिकारियों तक पहुंच रही है, जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों ने दो बड़े मुद्दों पर आपत्ति जताई है। पहला, एक ही पद पर कार्यरत सचिवालय सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए अलग-अलग मूल्यांकन प्रणाली लागू किए जाने पर सवाल उठाया गया है। दूसरा, सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों से टंकण परीक्षा नहीं लेने के 2016 के आदेश के बावजूद एमएस ऑफिस की जानकारी को एसीआर का आधार बनाए जाने पर आपत्ति जताई गई है।
अधिकारियों का कहना है कि यह सचिवालय सेवा की सेवा शर्तों में दुर्भावनापूर्ण बदलाव है और आदेश को तुरंत विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
