गुमला में नागपुरी साहित्य व संस्कृति मंच का करम मिलन समारोह संपन्न

गुमला, संवाददाता

नागपुरी साहित्य व संस्कृति मंच गुमला द्वारा आयोजित करम मिलन समारोह बड़े उत्साह और पारंपरिक रंग में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विचार-विमर्श, गीत और नृत्य की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

समारोह को संबोधित करते हुए रांची विश्वविद्यालय के नागपुरी विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश नंद तिवारी ने कहा कि “नागपुरी या सादरी हमारी मातृभाषा है। भाषा ही विचारों और संस्कृति को जीवित रखती है। आने वाली जनगणना में हर नागपुरी भाषी को अपनी मातृभाषा के स्थान पर नागपुरी अवश्य लिखना चाहिए।” उन्होंने चेताया कि किसी भी भाषा का चलन कम होने पर वह समाप्त हो जाती है और उसके साथ उसकी संस्कृति भी विलुप्त हो जाती है।

डॉ. तिवारी ने कहा कि नागपुरी भाषा को कमजोर करने और विकृत करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसके लिए विदेशी फंडिंग तक की बात सामने आई है। उन्होंने प्रसिद्ध विद्वान डॉ. बी.पी. केसरी का उल्लेख करते हुए कहा कि “मातृभाषा हमारी जीभ है। यदि जीभ नहीं रहे तो हम बोल नहीं सकते।”

कार्यक्रम में मंच के संस्थापक व सचिव तथा आकाशवाणी के उद्घोषक रहे डॉ. शकुंतला मिश्र ने कहा कि नागपुरी भाषा अनेक भाषाओं से जुड़ी हुई है और इसमें अपनत्व का अनोखा मिठास घुला हुआ है। उन्होंने जोर दिया कि नागपुरी केवल भाषा ही नहीं बल्कि समाज की पहचान और विरासत है।

द एशियन हेरिटेज फाउंडेशन, टैंसेरा में आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार, कलाकार और ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने नागपुरी भाषा और संस्कृति को संरक्षित व समृद्ध करने का संकल्प दोहराया।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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