दुमका। काठीकुंड थाना क्षेत्र के मधुबन गांव से दिसंबर 2024 में लापता हुई 20 वर्षीय युवती शेम्पू खातून का रहस्य आखिरकार खुल गया है। 9 महीने बाद उसका शव एक सुनसान इलाके के कुएं से बरामद हुआ। जांच में जो सच्चाई सामने आई, उसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया— युवती का कातिल उसका जीजा करीम अंसारी ही निकला।
पिता ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी
शेम्पू खातून 25 दिसंबर 2024 को अचानक लापता हो गई थी। जनवरी 2025 में पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोई सुराग न मिलने पर मई में उन्होंने गांव के ही युवक बाबू मोहली पर अपहरण का शक जताया। इसी आधार पर पुलिस ने एसआईटी बनाकर जांच तेज की।
असली साजिशकर्ता जीजा निकला
तफ्तीश में खुलासा हुआ कि बाबू मोहली तो घटना से पहले ही असम चला गया था। पुलिस ने शक की दिशा बदली तो असली गुनहगार सामने आया—शेम्पू का जीजा करीम अंसारी। उसने अपने दोस्त शाहिद अंसारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
हवस और बदले की कहानी
पुलिस पूछताछ में करीम ने स्वीकारा कि उसकी नीयत अपनी साली शेम्पू पर खराब थी। उसकी हरकतों के चलते गांववालों ने कभी उसकी पिटाई भी की थी। इसके बाद उसने बदला लेने की ठानी।
25 दिसंबर की रात वह शेम्पू को अपनी पत्नी की बीमारी का बहाना बनाकर बाइक से ले गया। रास्ते में उसने गला दबाकर हत्या कर दी और शव को बोरे में भरकर पत्थर के साथ कुएं में फेंक दिया।
अब गिरफ्तारी और डीएनए जांच
करीम और शाहिद—दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शव की पहचान पुख्ता करने के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है।
गांव में इस खुलासे के बाद सन्नाटा और आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि जिस पर घर की इज्जत और रिश्तेदारी की जिम्मेदारी थी, वही खून का प्यासा बन बैठा।