दुमका। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड में एक नाबालिग पहाड़िया किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने जिला प्रशासन और पुलिस से सात दिनों के भीतर इस मामले में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह घटना 25 अगस्त की देर रात काठीकुंड थाना क्षेत्र में घटी, जहाँ पांच युवकों ने अनुसूचित जनजाति समुदाय की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत 27 अगस्त को आयोग के समक्ष पेश की गई थी। आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए, एनसीएसटी के उप सचिव योगेंद्र पी. यादव द्वारा दुमका के उपायुक्त (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है। आयोग का यह हस्तक्षेप इस मामले में त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। स्थानीय समुदाय और सामाजिक संगठनों ने आयोग की इस पहल का स्वागत किया है और मांग की है कि दोषियों को शीघ्र ही कड़ी से कड़ी सजा मिले।
