घंटी आधारित कॉलेज शिक्षकों को अधिमान्यता व उम्र सीमा में छूट पर विचार करेगी सरकार : सुदिव्य कुमार सोनू

रांची। राज्य विधानसभा में आज घंटी आधारित (नीड बेस्ड) कॉलेज शिक्षकों के नियमितीकरण का मुद्दा गरमाया। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत वर्षों से पढ़ा रहे इन शिक्षकों के भविष्य को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि सरकार इन्हें नियमित करे। यदि ऐसा संभव नहीं है, तो जितने वर्षों तक उन्होंने अध्यापन किया है, उतने वर्षों की उम्र सीमा में छूट दी जाए और प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंकों की अधिमान्यता (वेटेज) प्रदान की जाए। वहीं, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू इस प्रस्ताव से पूरी तरह सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में यदि शर्तों को कम किया जाएगा तो गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। मंत्री ने कहा कि नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में इन शिक्षकों को अधिमान्यता और उम्र सीमा में छूट देने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा और इसके लिए अन्य राज्यों के नियमों का भी अध्ययन किया जाएगा। प्रदीप यादव ने तर्क दिया कि अगर ये शिक्षक नियमित नियुक्ति के योग्य नहीं हैं तो फिर इतने वर्षों से छात्रों को पढ़ाने की अनुमति कैसे दी गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन शिक्षकों को इतना वेटेज मिलना चाहिए कि नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में उन्हें वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मात्र पांच अंकों की अधिमान्यता और पांच वर्ष की आयु सीमा में छूट पर्याप्त नहीं होगी।

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