झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य विभाग अब किसी का चारागाह नहीं रहेगा और कामचोरों को उनकी कुर्सियों से हटाने का समय आ गया है। डॉ. अंसारी की यह घोषणा राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के पांचमुखी रणनीति का हिस्सा है, जिसे उन्होंने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से साझा किया।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि भाजपा शासन के दौरान स्वास्थ्य विभाग को लूटने का जो क्रम चला, वह अब समाप्त हो चुका है। उनके मुताबिक, ये विभाग अब न तो भूखों का ठिकाना बनेगा और न ही भ्रष्टाचार का अड्डा। डॉ. अंसारी ने आलोचना करते हुए कहा कि कुछ अधिकारी और नेता भ्रष्टाचार के जाल में फंसे हुए हैं, और उन्हें अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा। उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जो काम में रुकावट डालते हैं, कि अब कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि हर यूनिट और विंग राज्य की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझती है। कोई भी सुस्ती, ढील या दलाली अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नेताओं से अपील की कि वे जनता के मुद्दों पर ध्यान दें और स्थायी सुधार की दिशा में कार्य करें।
डॉ. अंसारी ने इस बात पर जोर दिया कि सुधार की प्रक्रिया में धैर्य की आवश्यकता है और इसे जादुई ढंग से पूर्ण नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि कुछ पुराने नेताओं को चुनावी राजनीति से अपने पद चिह्नों को मिटाने पर विचार करना चाहिए, ताकि युवा नेतृत्व को अवसर मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य प्रणाली में तकनीकी समावेश, सही डायग्नोस्टिक्स, आधुनिक लैब्स और स्टाफ के प्रशिक्षण को अपनी योजनाओं का मुख्य आधार बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश कर रहा है, उसे सावधान रहना होगा क्योंकि अब प्रत्येक गतिविधि का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा।