नई दिल्ली । थाईलैंड की रानी माँ क्वीन सिरीकिट का 24 अक्टूबर 2025 को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थीं और हाल ही में रक्त संक्रमण के कारण उनकी हालत बिगड़ गई थी। थाई रॉयल हाउसहोल्ड ब्यूरो के अनुसार, उनका देहांत बैंकॉक के एक अस्पताल में शनिवार रात 21:21 (स्थानीय समय) पर हुआ। इस दुखद घटना पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्वीट में कहा, “मैं थाईलैंड की रानी माँ क्वीन सिरीकिट के निधन से गहरा दुखी हूं। उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति आजीवन समर्पण भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। इस गहरे शोक की घड़ी में थाई राजा, शाही परिवार और थाईलैंड के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।” क्वीन सिरीकिट अपने पति, स्वर्गीय राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के साथ 60 वर्षों तक थाईलैंड की रानी रहीं। उन्हें उनकी शैली और परोपकारी कार्यों के लिए जाना जाता था। उन्होंने ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक थाई शिल्प को बढ़ावा देने के लिए कई रॉयल पहल शुरू कीं, जिसका असर लाखों लोगों पर पड़ा। 2012 में स्ट्रोक के बाद से वे सार्वजनिक जीवन से दूर थीं। थाईलैंड में उनके निधन के बाद एक वर्ष का शोककाल घोषित किया गया है, और राष्ट्रीय शोक के तहत 90 दिनों तक काले वस्त्र पहनने और झंडे आधे झुके रखने की अपील की गई है। 26 अक्टूबर से ग्रैंड पैलेस में उनका राजकीय अंतिम संस्कार शुरू होगा।

भारत-थाईलैंड संबंधों में गहराई
क्वीन सिरीकिट के निधन पर भारत की प्रतिक्रिया थाईलैंड के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाती है। दोनों देशों के बीच बौद्ध विरासत और $15 बिलियन से अधिक के वार्षिक व्यापार संबंध हैं। पीएम मोदी ने 2014 के बाद से थाईलैंड की तीन यात्राएं की हैं, जिसमें रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर रहा। थाईलैंड में भारतीय समुदाय और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध भी इस शोक संदेश में नजर आते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई नेताओं, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फिलीपींस के राष्ट्रपति भी शामिल हैं, ने क्वीन सिरीकिट के निधन पर संवेदना व्यक्त की है। थाईलैंड में इस समय राष्ट्रीय शोक के बीच ब्लैकपिंक जैसे संगीत समूहों ने भी अपने कार्यक्रमों में काले वस्त्र पहनकर श्रद्धांजलि दी है।