“बछ बारस: मातृत्व, करुणा और गोवंश संरक्षण का प्रतीक पर्व”


🕉️ बछ बारस क्या है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को बछ बारस (या गो द्वादशी, वसु द्वादशी) के नाम से जाना जाता है।
यह पर्व विशेष रूप से गाय और बछड़े की पूजा को समर्पित होता है और मातृत्व, दया और जीवों के प्रति करुणा का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन महिलाएँ संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं और गाय-बछड़े की पूजा करती हैं।


🌾 पर्व का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है — जिसे “गोमाता” कहा जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।
बछ बारस के दिन गाय और उसके बछड़े को स्नान कराकर सजाया जाता है, फिर पूजा करके उन्हें हरा चारा, गुड़ और गेहूँ खिलाया जाता है।

महिलाएँ इस दिन दूध, दही या किसी भी दुग्ध पदार्थ का सेवन नहीं करतीं, क्योंकि यह दिन गाय और बछड़े के स्नेह का सम्मान करने का प्रतीक है।
यह व्रत नारी शक्ति और मातृत्व की भावना को भी दर्शाता है — कि जैसे गाय अपने बछड़े के प्रति ममता रखती है, वैसे ही माँ अपने बच्चों के लिए निःस्वार्थ प्रेम रखती है।


🪔 लोक परंपराओं और ग्रामीण संस्कृति में बछ बारस

ग्रामीण भारत में बछ बारस का त्योहार धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और कृषि संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है।
गाय को यहाँ सिर्फ पशु नहीं, बल्कि परिवार का अभिन्न अंग माना जाता है।
इस दिन गाँवों में विशेष पूजा, गीत, लोकनृत्य और सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है।

झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में यह पर्व विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
ग्रामिण महिलाएँ गोशाला सजाती हैं, आँगन में सुंदर अल्पना बनाती हैं और सामूहिक रूप से “गो माता की आरती” करती हैं।


🌿 आध्यात्मिक और पर्यावरणीय संदेश

बछ बारस पर्व का संदेश केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पशु संवेदना से भी जुड़ा है।
यह हमें सिखाता है कि प्रकृति और जीव-जंतु हमारे जीवन का हिस्सा हैं, और उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।
गोवंश की रक्षा केवल आस्था नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सतत् जीवनशैली की आवश्यकता है।

बछ बारस प्रेम, करुणा और मातृत्व की भावना का उत्सव है।
यह हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा धर्म वही है जिसमें हर जीव के प्रति सम्मान और संवेदना हो।

इस पावन अवसर पर संथाल हूल एक्सप्रेस परिवार सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता है —

🌸 “गोमाता का आशीर्वाद सभी पर बना रहे,
जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार हो।” 🌸

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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