बसपा का उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिला।
रांची : राज्य में ओबीसी के आरक्षण में कटौती किए जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी मुखर हो गई है। हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता के नेतृत्व में पार्टी का उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल सोमवार को राज्यपाल से मिला और अपने मांगों के समर्थन में एक चिट्ठी सौंपी। इस दौरान कुशवाहा ने मीडिया कर्मियों को बताया कि राज्य की लगभग 50% आबादी वाले पिछड़े वर्ग को वर्तमान में महज 14 प्रतिशत का आरक्षण हीं मिलता है, जबकि संयुक्त बिहार में इस संवर्ग को 27% का आरक्षण मिलता था। राष्ट्रीय परिपेक्ष में भी पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था है। इसी तरह अनुसूचित जाति को भी 14% के बजाय 10% ही आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस संबंध में एक प्रस्ताव अनुमोदित किया गया था। परंतु आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने यह भी बताया की पलामू एवं गढ़वा जिले में प्रतियोगिकी परीक्षा में कुडूख और नागपुरी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है जबकि उस भाषा को बोलने वाले पलामू और गढ़वा में नहीं है और ना ही उसकी पढ़ाई की जाती है । तो आख़िरकार यह भाषा पलामू प्रमंडल के परीक्षा प्रतिभागियों पर जबरन सरकार द्वारा थोप दिया गया है। जो पूरे प्रमंडल के लोगों के साथ अन्याय है। इस लिए नागपुरी और कुडूख को हटाकर पलामू प्रमंडल में बोली जाने वाली भाषाओं यथा हिंदी, मगही और भोजपुरी को अनिवार्य किया जाए।