पाकुड़िया (संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता):
नवरात्र के दूसरे दिन मंगलवार को पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने मां शक्ति के ब्रह्मचारिणी रूप की विधिवत पूजा-अर्चना की। कलश स्थापना के बाद से ही श्रद्धा और भक्ति का माहौल बना हुआ है।
पंडित अरुण कुमार झा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए वर्षों तक कठोर तप किया। फल-फूल, बिल्व पत्र और अंततः निर्जल तपस्या कर उन्होंने शिव को प्रसन्न किया। मां का यह रूप तप, त्याग और आराधना का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि ब्रह्मचारिणी देवी की उपासना से विद्यार्थियों, साधकों एवं संतों को विशेष लाभ मिलता है। इस दिन मां की पूजा से आत्मबल, संयम और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
क्षेत्र के विभिन्न पूजा पंडालों और मंदिरों में दिनभर पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और मां की आराधना में श्रद्धालु लीन रहे।