जयंती पर याद किए गए उदय शंकर ओझा सभी वर्ग के लोगों ने चढ़ाए श्रद्धा सुमन

रांची : झारखंड की सबसे बड़ी मंडी पंडरा के साथ राजधानी के सभी ट्रांसपोर्ट मालिकों ने अपने को बंद रख स्वर्गीय उदय शंकर ओझा को दी श्रद्धांजलि। झारखंड के गरीब मजदूर युवाओं के सशक्त आवाज सामाजिक सद्भावना एवं कौमी एकता के अटूट स्तंभ स्वर्गीय उदय शंकर ओझा जी की नौवीं पुण्यतिथि पर आज पंडरा बाजार समिति में प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया ।झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष ललित नारायण ओझा,दीपक ओझा , राजू ओझा ,अमित ओझा ,एवं गौतम हर्ष ने विधिवत पूजा अर्चना ,पुष्प अर्पित कर सभा को शुरू किया ।उदय शंकर ओझा ट्रस्ट ने सभा में रक्तदान शिविर भी लगाया।रक्षा मंत्री संजय सेठ जी ने उपस्थित हजारों श्रमिकों भैया,बहनों को बैग तथा छाता वितरण किया । डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि असंगठित मजदूरों के लड़ाई को एक सुखद मोड तक पहुंचने में हमेशा सहयोग करेंगी क्योंकि स्वर्गीय उदय शंकर ओझा ने हमेशा बहुत ही ईमानदारी से श्रमिकों के आंदोलन को किया ।नगर विधायक सीपी सिंह ने कहा कि स्वर्गीय उदय शंकर ओझा एक सच्चे समाजसेवी के रूप में लंबे समय तक गरीब ,मजदूर एवं धार्मिक संगठनों को मजबूत नेतृत्व प्रदान करते रहे । गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश ने एक मजबूत नेतृत्व करता खोया है इनको विन्रम श्रद्धांजलि है।राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि ओझा जी के असामयिक निधन से राज्य में बड़ी शून्यता हो गई है ,वो एक सशक्त समाजसेवी,एवं प्रखर नेता थे ।
श्रद्धांजलि सभा में हजारों की संख्या में सामाजिक धार्मिक एवं सभी पार्टी के नेता ने उनके चित पर श्रद्धा समूह अर्पित किया एवं उनके जीवन पर प्रकाश डाला आज के श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से देश के रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्रीमती आशा लकड़ा,रांची के लोकप्रिय विधायक सीपी सिंह,रामकुमार पहन, जेलेंद्र कुमार ,वरुण साहू ,झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री श्री के. एन. त्रिपाठी,पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेज,सत्यनारायण सिंह,आरती कुजूर, कांग्रेस नेत्री श्रीमती अनुपमा सिंह, जद यू के धर्मेन्द्र तिवारी, रवीन्द्र सिंह,उज्ज्वल प्रकाश तिवारी, जय सिंह यादव,सचितानंद सिंह, संजय पाण्डेय, नीतू सिंह, कमल ठाकुर,सोनल शांति, अमरेन्द्र सिंह,दीपु सिन्हा, सागर कुमार समेत कई गणमान्य लोग शामिल रहे।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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