रांची। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने झारखंड में लंबे समय से शिक्षक पात्रता परीक्षा जेटेट/टेट आयोजित न होने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के पूरे कार्यकाल में एक भी टेट परीक्षा नहीं हुई, जबकि पिछले नौ वर्षों से यह परीक्षा लंबित है। तिवारी ने आरोप लगाया कि लाखों बेरोजगार युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है और सरकार केवल विज्ञापनबाज़ी और खोखले दावों में लगी है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात करते हैं, लेकिन इसकी नियमावली क्या है? अगर आधार जेटेट है तो परीक्षा क्यों नहीं हो रही? नौ वर्षों से उम्र सीमा क्या होगी, इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की नीतियाँ निजी शिक्षा संस्थानों को बढ़ावा दे रही हैं, जिसका सीधा असर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ रहा है। तिवारी ने पारा शिक्षक संघ की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि सहायक अध्यापक समय रहते आंदोलन करते तो आज यह स्थिति नहीं आती। तिवारी ने नव नियुक्त सहायक आचार्यों से अपील की कि वे विद्यालयों में बच्चों को पूरी निष्ठा से पढ़ाएँ और शिक्षा को केवल रोजगार का साधन न मानकर समाज निर्माण का माध्यम बनाएं।
