साहिबगंज के प्रशांत शेखर को मिला ऑनरेरी डॉक्टरेट सम्मान

सामाजिक कार्यों के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी ने दी मानद उपाधि

साहिबगंज। साहिबगंज शहर के युवा समाजसेवी और उमामृता फाउंडेशन के संस्थापक प्रशांत शेखर ने जिले का नाम रोशन कर दिया है। सामाजिक सेवा और विशेषकर रक्तदान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए अमेरिका की फ्रैंकफोर्ड इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने उन्हें ऑनरेरी डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है।

यह उपाधि उन्हें सबसे कम उम्र में सर्वाधिक बार रक्तदान करने, जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने और अब तक 6000 से अधिक मरीजों की जान बचाने जैसे असाधारण कार्यों के लिए दी गई। साथ ही, कोविड-19 महामारी के दौरान उनके नेतृत्व में उमामृता फाउंडेशन द्वारा किए गए राहत कार्यों और छह वर्षों से लगातार चल रही सामाजिक सेवाओं को भी इस सम्मान का आधार बनाया गया। यह सम्मान 14 अगस्त को अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में घोषित किया गया। प्रशांत शेखर व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्हें प्रमाणपत्र की सॉफ्ट कॉपी प्रदान कर दी गई है। औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रमाणपत्र भारत भेजा जाएगा।

सम्मान मिलने के बाद प्रशांत शेखर ने इसे अपनी स्वर्गीय दादी जी को समर्पित करते हुए कहा यह उपलब्धि मेरी नहीं, साहिबगंज की जनता, उमामृता फाउंडेशन की टीम और उन सभी लोगों की है जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया।प्रशांत शेखर ने बहुत कम उम्र से रक्तदान और सामाजिक कार्यों की शुरुआत की थी। युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करना, संकट में मरीजों तक रक्त पहुँचाना, और कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन, दवाइयाँ व रक्त उपलब्ध कराकर जीवन बचाना उनके प्रयासों की मिसाल है।
उनकी इस उपलब्धि पर पूरे साहिबगंज में खुशी और गर्व की लहर है। सामाजिक संगठनों ने इसे पूरे जिले और संथाल परगना के लिए गौरव का क्षण बताया है।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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