गुमला। जिले को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में वन विभाग ने प्रयास तेज कर दिए हैं। जिला प्रायः 80 प्रतिशत आदिवासी आबादी और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। विभाग का मानना है कि यदि इस क्षमता को व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाए, तो गुमला राज्य और देश दोनों स्तर पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है।
डीएफओ अहमद बिलाल अनवर ने बताया कि मानसून की अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है। उन्होंने कहा कि संरक्षण और विस्तार केवल विभाग के प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें आम लोगों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि यदि गुमला की खूबसूरती को कायम रखना है, तो हर व्यक्ति को इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। वन विभाग की ओर से पार्कों और आकर्षक सुविधाओं के निर्माण का कार्य भी जारी है, ताकि आने वाले पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ स्थानीय संस्कृति से परिचित हो सकें। विभाग का मानना है कि पर्यटन के विकास से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन की समस्या पर अंकुश लगेगा। स्थानीय छात्राओं ने भी इन प्रयासों की सराहना की। उनका कहना है कि प्रकृति की सुरक्षा केवल विभाग की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। डीएफओ ने विश्वास जताया कि यदि समाज और विभाग साथ मिलकर काम करें, तो गुमला निकट भविष्य में पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान हासिल कर सकता है।
