भारत-भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग की नई पहल

अदाणी पावर और भूटान सरकार मिलकर बनाएंगे 570 मेगावाट का हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट

नई दिल्ली, 6 सितम्बर।
भारत और भूटान के बीच रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती देते हुए अदाणी पावर और भूटान की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (DGPC) ने 570 मेगावाट की वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना स्थापित करने के लिए समझौता किया है।

शनिवार को हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी मौजूद रहे। इस दौरान शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट (SHA), पावर परचेस एग्रीमेंट (PPA) और भूटान की शाही सरकार के साथ कंसेशन एग्रीमेंट (CA) पर भी सहमति बनी।

करीब 60 अरब रुपये के निवेश से बनने वाली यह परियोजना BOOT मॉडल (Build, Own, Operate, Transfer) पर विकसित की जाएगी। निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही तक शुरू होने की संभावना है और इसे पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

भूटान की अर्थव्यवस्था और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को लाभ

भूटान जलविद्युत और सौर ऊर्जा को आधार बनाकर स्वच्छ ऊर्जा महाशक्ति के रूप में उभरने की दिशा में काम कर रहा है। इस परियोजना से न केवल भूटान की घरेलू जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि बिजली निर्यात से उसकी अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।
वहीं, भारत के लिए यह समझौता ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और भूटान के साथ कूटनीतिक साझेदारी को गहरा करने का अवसर है। वर्तमान में भूटान के कुल निर्यात का 40 प्रतिशत से अधिक बिजली पर आधारित है, जिसका बड़ा हिस्सा भारत को आपूर्ति किया जाता है।

स्थानीय विकास और ‘माइंडफुलनेस सिटी’ को बल

परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार, तकनीकी क्षमता और राजस्व बढ़ेगा। इसके साथ ही गेलेफू में विकसित की जा रही ‘माइंडफुलनेस सिटी’ जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को भी ऊर्जा आपूर्ति से गति मिलेगी। यह शहर आने वाले दो दशकों में सिंगापुर से भी बड़े आकार में विकसित करने की योजना है।

भविष्य की दिशा

भूटान ने 2040 तक 15,000 मेगावाट जलविद्युत और 5,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अदाणी पावर और DGPC के बीच मई 2025 में हुए करार के तहत 5,000 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाएं विकसित की जानी हैं, जिनमें वांगछू हाइड्रो प्रोजेक्ट पहला कदम है।

यह साझेदारी भारत और भूटान के बीच मित्रता, व्यापार और सतत विकास को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

Leave a Comment