रांची सदर अस्पताल की अव्यवस्थित पार्किंग पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, सुधार के निर्देश

रांची। रांची सदर अस्पताल की अव्यवस्थित पार्किंग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट के निर्देश के बाद अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब पार्किंग को व्यवस्थित करने की दिशा में काम हो रहा है, जिससे एंबुलेंस और मरीजों को लाने-ले जाने वाले वाहनों का आवागमन सुगम हो गया है।

सख्त नियम, मनमानी पर रोक
पार्किंग प्रबंधन में मनमानी रोकने के लिए नियमों को कड़ा किया गया है। नई निविदा जारी होने तक फिलहाल मौजूदा एजेंसी ही संचालन करेगी। शुक्रवार को अस्पताल के मुख्य द्वार पर जाम की स्थिति नहीं दिखी। प्रवेश द्वार पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों के शुल्क की स्पष्ट जानकारी वाले बोर्ड लगाए गए हैं। रांची नगर निगम द्वारा तय शुल्क के अनुसार चारपहिया के लिए 20 रुपये प्रति घंटा और दोपहिया के लिए 5 रुपये प्रति घंटा शुल्क निर्धारित किया गया है। साथ ही डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए QR कोड भी लगाए गए हैं।

लंबे समय से थी समस्या
अस्पताल में पार्किंग की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी। मुख्य द्वार पर स्टाफ की मनमानी और बाहरी लोगों के वाहनों की भीड़ के कारण मरीजों व एंबुलेंस को जगह नहीं मिल पाती थी। कई बार एंबुलेंस तक जाम में फंस जाती थीं, जिससे मरीजों को तुरंत चिकित्सा सुविधा देने में बाधा आती थी।
हर महीने यहां औसतन 50 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। अगस्त माह में ही 59,640 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से 3,472 को भर्ती किया गया। भर्ती मरीजों के परिजनों की आवाजाही से भी पार्किंग में अव्यवस्था बढ़ जाती थी।

प्रशासन की पहल
सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि बाहरी वाहनों की आवाजाही पर रोक के लिए कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। पार्किंग को और सुव्यवस्थित करने के लिए जल्द ही नई निविदा जारी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में लगातार अवकाश रहने के कारण टेंडर प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो सकी।

हाईकोर्ट के प्रमुख निर्देश

अस्पताल परिसर में एंबुलेंस के लिए हर समय रास्ता खाली रखा जाए।

परिसर में पार्किंग शुल्क के बोर्ड स्पष्ट रूप से लगाए जाएं।

बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए।

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