बिना ओटीपी बताए भी खातों से उड़ाए लाखों रुपये
रांची। राजधानी रांची में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर लोगों को अपना शिकार बनाया है। चार अलग-अलग मामलों में कुल 13.58 लाख रुपये की ठगी की गई। हैरानी की बात यह है कि इनमें से दो पीड़ितों ने न तो कोई ओटीपी साझा किया और न ही किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया, फिर भी उनके बैंक खातों से लाखों रुपये गायब हो गए। सभी पीड़ितों ने मामले की शिकायत साइबर थाना, रांची में दर्ज कराई है।
इटकी निवासी से 7.39 लाख की निकासी
इटकी के शिव पीटर बाखला ने बताया कि उन्हें एक अनजान कॉल आया जिसमें ओटीपी पूछने की कोशिश की गई। उन्होंने ओटीपी साझा नहीं किया और तुरंत फोन काटकर मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। इसके बावजूद जब वे बैंक पहुंचे तो उनके खाते से 7.39 लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी।
पार्सल डिलीवरी के नाम पर 1.72 लाख की ठगी
चुटिया निवासी संजय कुमार को गूगल पर मिले एक फर्जी कस्टमर केयर नंबर ने ठगा। पार्सल डिलीवरी का बहाना बनाकर उनसे 2 रुपये ऑनलाइन भुगतान करने को कहा गया। जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 1.72 लाख रुपये साफ हो गए।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में फंसा कर 2.9 लाख की ठगी
डोरंडा के श्रेयाज टोप्पो को टेलीग्राम के जरिये ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का लालच दिया गया। मुनाफे का झांसा देकर उनसे कुल 2.9 लाख रुपये निवेश करा लिए गए। रकम डूबने के बाद उन्होंने साइबर थाना में केस दर्ज कराया।
बिना ओटीपी साझा किए क्रेडिट कार्ड से 1.57 लाख गायब
हेहल निवासी गौरव कुमार ने कहा कि उन्होंने न तो कोई ओटीपी साझा किया और न ही किसी लिंक पर क्लिक किया। इसके बावजूद उनके क्रेडिट कार्ड से 1.57 लाख रुपये निकाल लिए गए।
बढ़ते साइबर अपराध पर चिंता
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी खामियों को दूर किए बिना और लोगों में जागरूकता बढ़ाए बिना ऐसे अपराधों पर लगाम लगाना मुश्किल है।