चक्रधरपुर/ पश्चिमी सिंहभूम)।झारखंड के चक्रधरपुर स्थित झुमका मोहल्ला से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां रहने वाले 65 वर्षीय अर्जुन प्रताप साव और उनकी 55 वर्षीय पत्नी शकुंतला देवी, जो कैंसर पीड़ित हैं, अपने ही बेटे आलोक साव और बहू सुषमा की प्रताड़ना से तंग आकर सरेआम बीच चौक में धरने पर बैठ गए। शकुंतला देवी के हाथ में तख्ती थी जिस पर लिखा था मैं कैंसर पीड़ित हूं। यह दृश्य देखकर राहगीरों की आंखें नम हो गईं। अर्जुन साव का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे आलोक के लिए पोस्ट ऑफिस रोड पर कपड़े की दुकान खुलवाई थी, जिससे उसे अच्छी आमदनी हो रही है। लेकिन अब वही बेटा आए दिन मारपीट करता है और उन्हें घर से निकाल चुका है। पिछले 8–9 महीनों से दंपती किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। अर्जुन साव ने बताया कि 29 अगस्त को आलोक ने मारपीट कर उनका सिर फोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट ने दोनों बेटों को आदेश दिया था कि वे हर माह माता-पिता को 5000 रुपये दें। छोटा बेटा आशीष आदेश का पालन कर रहा है, लेकिन बड़ा बेटा आलोक न तो आर्थिक मदद करता है, न ही घर में रहने देता है। उल्टा केस दर्ज कराने के बाद आलोक ने अपने ही पिता को डंडों से बेरहमी से पीटा। शकुंतला देवी वर्ष 2021 से कैंसर से पीड़ित हैं और इलाज के लिए उन्हें समय-समय पर मुंबई जाना पड़ता है। शुरुआती दिनों में बेटों ने सहयोग किया, लेकिन अब उन्होंने नाता तोड़ लिया है। दंपती का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अर्जुन साव और शकुंतला देवी का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और अपने ही घर में वापस नहीं बसाया जाएगा, वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में प्रशासन और समाज की संवेदनाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
