प्रतिमा के लगातार क्षतिग्रस्त होने से आक्रोशित लोगों ने जाम लगाया, राजनीतिक नेताओं और समाजिक संगठनों ने प्रशासन पर सवाल उठाए
हजारीबाग। पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पास स्थित सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे आदिवासी समाज और स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे और सिद्धू-कान्हू चौक पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा जाता, जाम जारी रहेगा। घटना पर राजनीतिक दलों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस के त्रिपुरा, अगरतला विधायक दल के नेता सुदीप राय बर्मन ने कहा कि महापुरुषों की प्रतिमा को खंडित करना उनके योगदान का अपमान है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मुन्ना सिंह ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि डेढ़ महीने पहले भी इसी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया था, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि व्यस्त चौक पर अब तक कोई सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगाया गया। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री जयप्रकाश पटेल ने कहा कि ऐसे लोग जेल में रहने लायक हैं और जिला प्रशासन को तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सरना समिति के जिलाध्यक्ष महेंद्र बेक ने चेतावनी दी कि यह दूसरी घटना है और अब आदिवासी समाज इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष विजय सिंह भोक्ता ने कहा कि यह पूरे आदिवासी समाज का अपमान है और जरूरत पड़ी तो हमें अपने पूर्वजों की तरह तीर-धनुष लेकर सड़क पर उतरना पड़ेगा। गौरतलब है कि 30 जून 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिमा का अनावरण किया था और चौक का नामकरण ‘सिद्धू-कान्हू चौक’ किया गया था। लगातार क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं से लोगों की भावनाएं आहत हैं और शहर के व्यस्त इलाके में सीसीटीवी की अनुपस्थिति सबसे बड़ा सवाल बन रही है। फिलहाल हजारीबाग में मामला गरमाया हुआ है और लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।