मां मनसा-बिसहरी की पूजा आस्था, परंपरा और लोक संस्कृति का अद्भुत संगम किया गया

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

तीनपहाड़। क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार को मां मनसा बिसहरी की पूजा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ की जा रही है। चाहे सार्वजनिक स्थल हों या निजी आंगन गांव-गांव, टोला-मोहल्लों से लेकर कस्बों तक इस पूजा में विशेष आस्था दिखाई देती है। तीनपहाड़, बभनगामा, रामचौकी, तेतुलिया, निमगाछी, पौलसा, पहाड़पुर, बाबूपुर और दरला सहित कई क्षेत्रों में पूजा का आयोजन धूमधाम से हुआ। खासतौर पर बाबूपुर स्थित सार्वजनिक मां विसहरी मंदिर में ग्रामीणों के सहयोग से भव्य आयोजन किया गया।मंदिर समिति के अध्यक्ष लखन महतो ने बताया कि गांव में यह पूजा पीढ़ियों से परंपरा के रूप में होती आ रही है। पूजा से पूर्व छठ घाट से जल उठाने की परंपरा निभाई जाती है। श्रद्धालु माथे पर बारी, मिट्टी का पात्र , में जल लेकर ढाक बजाते हुए में मंदिर तक पहुंचते हैं। यह दृश्य मानो गांव की एकता और सामूहिक आस्था का प्रतीक बन जाता है। इसके बाद विशेष विधि-विधान से पूजा आरंभ होती है। ढाक-ढोल और शंख की ध्वनि वातावरण को पवित्र बनाती है। महिलाएं मंगलगीत गाती हैं, वहीं पुरुष पारंपरिक वाद्य बजाते हुए देवी के आह्वान में शामिल होते हैं। ग्रामीण मान्यता है कि मां विसहरी की पूजा से परिवार और पशुधन स्वस्थ रहते हैं तथा गांव में समृद्धि आती है। इस अवसर पर शिव प्रसाद यादव, हरिप्रसाद यादव, रोहित महतो, जुगल यादव,बिरेन्द्र यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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