निर्माण कार्य करारहे आनंद रंजन देव ने तोड़ने, रंगदारी मांगने और चोरी का किया मुकदमा
गुमला। सदर थाना क्षेत्र के डूमरडीह गांव स्थित पतरा बगीचा में चल रहे निर्माण कार्य को 14 अगस्त की सुबह गांव के सैकड़ो स्त्री पुरुषों ने तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। जब ग्रामीण निर्माण कार्य को क्षतिग्रस्त कर रहे थे उस समय सूचना पाकर पहुंची गुमला पुलिस मूक दर्शक बनी रही। ग्रामीणों ने की गई घेराबंदी चदरा से बनाया गया सेड और अर्ध निर्मित दीवार को पूरी तरह तोड़ डाला।
ग्रामीणों का कहना है कि पतरा बगीचा खाता नंबर एक और प्लॉट नंबर 970 है वह चारागाह भूमि है। गांव के खतियान पार्ट 2 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इस बगीचे मैं ग्रामीण अपने गाय बैलों को गर्मी के दिनों में पेड़ की छाया में बैठाते हैं । इसलिए जमीन मालिक को हक नहीं है कि इस जमीन को आबाद करें। बगीचे के पेड़ों को जमीन मालिक नहीं काट सकता है। फल फूल का उपयोग पूरे गांव वाले करेंगे। पेड़ अगर सुख जाए तो लकड़ी मलिक का होगा। ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह के और भी बगीचे हैं जो चारागाह है।
लेकिन जमीन मालिक दलालों की मदद से इस चारागाह बगीचे को बेच रहे हैं। जिसका ग्रामीण लगातार विरोध करते आ रहे हैं। जबसे इस बगीचे में अवैध निर्माण का कार्य शुरू हुआ है ग्रामीण थाना प्रभारी गुमला अंचल अधिकारी गुमला अनुमंडल पदाधिकारी गुमला पुलिस अधीक्षक गुमला और उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर अपना विरोध किया है और अवैध निर्माण रोकने का आग्रह किया। लेकिन जमीन मालिक और दलालों के प्रभाव में आकर पुलिस और जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिणाम स्वरुप ग्रामीण उग्र हो गए और उक्त चल रहे निर्माण को क्षति पहुंचाई है।
इधर निर्माण कार्य करा रहे आनंद रंजन देव ने गुमला थाना में आवेदन देकर डुमरडीह गांव के फिरू भगत सुदर्शन भगत नारायण बरवा, संदीप उरांव एवं अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध रंगदारी मांगने और ग्रामीणों को बहला फुसलाकर निर्माण कार्य और चारदीवारी को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कराया है। प्राथमिक में उन्होंने कहा है कि फीरू भगत समेत अन्य लोगों ने उससे पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी नहीं देने पर काम रुकवाने और जान मारने की भी धमकी दी थी। देसी कट्टा इत्यादि अपने पास रखकर 12 अगस्त को उनके स्टाफ से रंगदारी मांगी। जिसकी जानकारी पुलिस को नहीं दिया गया और वह स्टाफ नौकरी छोड़कर चला गया। इस बीच 14 अगस्त को सुबह 8:00 बजे उपरोक्त चारों व्यक्तियों ने गांव में घंटा बजाकर लोगों को इकट्ठा किया और उनके विरुद्ध भड़काया जिसके कारण उनके इशारे पर ग्रामीणों ने खासकर महिलाओं ने उक्त भूमि में जाकर गैर कानूनी तौर पर मेरे भूमि में प्रवेश किया और तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया है कि सीसीटीवी तोड़ दिया और मौका पाकर फिरू भगत एवं अन्य ने उसके मैनेजर को रूम से निकाल कर मारपीट किया और ईट बालू व सीमेंट के पैसे तीन लाख रुपए जबरन लूट लिए। उन लोगों ने सीसीटीवी कैमरा को भी अपने साथ ले गये। अत उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।
उल्लेखनीय है कि अरमई पंचायत के कई चारागाह भूमि और बगीचों पर जमीन दलालों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है वे जमीन मालिकों को अपने पक्ष में लेकर जमीन खरीदने वाले भोले भाले लोगों को जमीन के चरित्र को छुपा कर बेचने की फिराक में लगे हुए हैं। इसी क्रम में आनंद रंजन देव भी उनके बहकावे में आकर 30 डिसमिल जमीन खरीद ली। लेकिन जब से वह जमीन पर जाने का प्रयास करते रहे ग्रामीणों ने उन्हें रोक कर निर्माण कार्य नहीं करने का आग्रह किया। लेकिन आनंद देव ने उक्त जमीन पर जबरदस्ती मकान बनाने के लिए अपने दबंग लोगों को तंबू लगाकर बैठाया और काम शुरू किया ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों के आग्रह पर पुलिस और जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण यह घटना घटित हुई है।
बहरहाल इस पूरी घटना को लेकर पुलिस छानबीन में जुट गई है।