संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से उबर भी नहीं पाया झारखंड आज एक और बड़ी क्षति का सामना कर रहा है। राज्य के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का आज निधन हो गया। वे सिर में चोट लगने के कारण कई दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे ने सोशल मीडिया पर यह दुखद सूचना साझा की।
राजनीतिक जगत में शोक की लहर
रामदास सोरेन के निधन की खबर फैलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर बेहद भावुक अंदाज में लिखा –
“ऐसे छोड़ कर नहीं जाना था रामदास दा… अंतिम जोहार दादा…”
राज्यपाल संतोष गंगवार ने इसे राज्य के लिए “अपूरणीय क्षति” बताते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा – “मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार!”
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इसे सामाजिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से बड़ी क्षति बताते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसे “अत्यंत पीड़ादायक समाचार” बताते हुए श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बाबा बैद्यनाथ से प्रार्थना की कि परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।
मंत्री दीपिका पांडेय ने कहा कि रामदास सोरेन का योगदान सदैव याद किया जाएगा। मंत्री दीपक बिरुआ ने लिखा – “बस इतना याद रहेगा जीवनभर ‘एक साथी और भी था’।”
मंत्री सुदिव्य सोनू ने उन्हें “एक अभिभावक, जुझारू नेता और मार्गदर्शक” बताया।
एक महीने में दो बड़े आदिवासी नेताओं का निधन
रामदास सोरेन के निधन ने झारखंड को दोहरा आघात दिया है। 4 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हुआ था और संयोगवश आज ही उनका श्राद्ध कर्म है।
राज्य ने एक महीने के भीतर अपने दो बड़े आदिवासी नेताओं को खो दिया है, जो राजनीतिक और सामाजिक रूप से अपूरणीय क्षति है।
राजनीतिक सफर
रामदास सोरेन कोल्हान क्षेत्र के लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता थे। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने 2009, 2019 और 2024 में जीत दर्ज की। 2009 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रदीप बालमुचू को हराकर उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत का लोहा मनवाया था।
उनका सरल स्वभाव, जनसेवा के प्रति निष्ठा और राजनीतिक प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।