संथाल हूल एक्सप्रेस राँची डेस्क |
गुमला, झारखंड
गुमला जिले में उग्रवाद के खिलाफ पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के कुख्यात सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस कार्रवाई से झारखंड में उग्रवाद के नेटवर्क को तगड़ा झटका माना जा रहा है।
पारही जंगल बना मुठभेड़ का मैदान
मामला गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के पारही जंगल का है, जहां मंगलवार देर रात करीब एक घंटे तक गोलीबारी चली। विश्वसनीय सूचना के आधार पर गुमला पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान छिपे उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में मार्टिन केरकेट्टा मारा गया।
15 लाख का इनामी, PLFI का नया सरगना
मार्टिन केरकेट्टा लंबे समय से झारखंड पुलिस के रडार पर था। उस पर ₹15 लाख का इनाम घोषित था। दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद उसने खुद को PLFI का सुप्रीमो घोषित कर लिया था और संगठन की कमान संभाल ली थी। मार्टिन कई नरसंहारों, आतंकी घटनाओं, सुरक्षा बलों पर हमले और टेरर फंडिंग नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जाता था।
पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान कई अन्य उग्रवादी जंगल की ओर फरार हो गए। अब उन्हें पकड़ने के लिए पूरे क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सर्च के दौरान भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और उग्रवाद से जुड़ा साहित्य भी बरामद किया गया है।
पुलिस का बयान
गुमला एसपी ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा—
“यह ऑपरेशन हमारे जवानों की बहादुरी और रणनीतिक दक्षता का परिणाम है। मार्टिन केरकेट्टा का मारा जाना राज्य में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा मोड़ है। बाकी बचे उग्रवादियों की तलाश तेज कर दी गई है।”
क्या है PLFI?
PLFI झारखंड में सक्रिय एक वामपंथी उग्रवादी संगठन है, जिसे सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है। यह संगठन लेवी वसूलने, टेरर फंडिंग, और ग्रामीण इलाकों में दहशत फैलाने के लिए कुख्यात रहा है। दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद मार्टिन केरकेट्टा इसके शीर्ष पर पहुंचा था और उसने संगठन की गतिविधियों को नए सिरे से संचालित करना शुरू कर दिया था।
मार्टिन केरकेट्टा का मारा जाना झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे PLFI के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। अब देखना है कि संगठन आगे क्या रुख अपनाता है और पुलिस बाकी बचे उग्रवादियों को कितनी जल्दी दबोच पाती है।