मेदिनीनगर
झारखंड आंदोलन के पुरोधा और आदिवासी चेतना के शिखर व्यक्तित्व दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सम्मान में सोमवार को मेदिनीनगर में डीआईजी नौशाद आलम के आवास पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
इस अवसर पर डीआईजी नौशाद आलम ने जवानों और अधिकारियों के साथ दिशोम गुरु के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। डीआईजी ने कहा, “शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि झारखंड की अस्मिता, संघर्ष और स्वाभिमान के प्रतीक थे। उन्होंने जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”
सभा में उपस्थित पुलिसकर्मियों ने भी दिशोम गुरु के योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी समाज के हक़, अधिकार और पहचान की लड़ाई का जीवंत दस्तावेज़ है।
डीआईजी ने आगे कहा कि गुरुजी का जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी विचारधारा और उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर अधिकारियों ने उनके पदचिन्हों पर चलने और सामाजिक न्याय के मार्ग को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई।
श्रद्धांजलि सभा एक भावुक माहौल में संपन्न हुई, जहाँ हर आंख नम थी और हर दिल झारखंड की आत्मा से जुड़े इस महान सपूत को अंतिम विदाई दे रहा था।