डॉ. बिरेन्द्र साहु और वीरेंद्र बिमल जी को सौंपा गया महत्वपूर्ण दायित्व
महाराष्ट्र/जलगांव संवाददाता
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की केंद्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक महाराष्ट्र के जलगांव (देवगिरी प्रांत) में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में विहिप के केंद्रीय, क्षेत्रीय और प्रांतीय स्तर के लगभग 350 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में संगठन के आगामी कार्यों की रूपरेखा तैयार की गई, साथ ही विगत छह माह के कार्यों की समीक्षा भी की गई।
बैठक का शुभारंभ पूज्य संत श्याम चैतन्य जी महाराज के उद्घाटन भाषण से हुआ। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद देव, देश, धर्म, गौमाता, संतों और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने वाला संगठन है। उन्होंने युवाओं को आर्थिक, शैक्षिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से सशक्त बनाने पर बल दिया।
पूज्य संत आनंद प्रकाश दास जी ने कहा कि विहिप का हर कार्यकर्ता गृहस्थ संत के समान होता है। केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने कहा कि हिंदू समाज कभी मानसिक रूप से पराजित नहीं हुआ है और उसका जीवंत उदाहरण कुंभ जैसे आयोजनों में देखने को मिलता है, जहां पूरे विश्व का हिंदू समाज एकत्र होता है।
कार्यकर्ता बने संगठन की रीढ़—
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विहिप के पालक भैया जी जोशी ने कहा कि संपर्क, संवाद और समन्वय ही किसी भी संगठन की शक्ति होती है। कार्यकर्ता को यह समझना चाहिए कि किसी भी कार्य को क्यों, क्या, कैसे, कब और किसके साथ करना है। उन्होंने कहा कि कार्य में नवीन लोगों को जोड़ने की कला भी एक सच्चे कार्यकर्ता में होनी चाहिए।
हिंदू समाज को जोड़ने की जरूरत : आलोक कुमार—-
समापन सत्र में केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि आज समाज में हिंदू को हिंदू से अलग करने के लिए अनेक कुचेष्टाएं की जा रही हैं। कुछ तथाकथित पंथ भारत की संस्कृति, संप्रभुता और स्वाभिमान को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे हिंदू समाज को समझने और उसका प्रतिकार करने की आवश्यकता है।
बैठक में “संगठित एवं सशक्त हिंदू ही समाज विखंडन के षडयंत्रों का एकमेव समाधान है” विषय पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
नवीन दायित्वों की घोषणा—-
बैठक में कई नवीन नियुक्तियां भी की गईं। डॉ. बिरेन्द्र साहु को झारखंड-बिहार (पटना क्षेत्र) का क्षेत्र मंत्री नियुक्त किया गया है, जबकि वीरेंद्र बिमल को पटना और गुवाहाटी क्षेत्र का धर्माचार्य संपर्क प्रमुख बनाया गया है।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे, डॉ. सुरेंद्र जैन, अंबरीश सिंह, माननीय गोपाल जी, कोटेश्वर शर्मा सहित कई केंद्रीय पदाधिकारियों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।