रांची,
झारखंड की कृति मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने आज अपने व्यवहार और जमीनी जुड़ाव का उदाहरण पेश करते हुए किसानों के साथ खेतों में उतरकर धान की रोपनी की। यह दृश्य राज्य के लिए एक प्रेरणास्पद क्षण बन गया, जब एक जनप्रतिनिधि ने खुद अपने हाथों से मिट्टी में उतरकर किसानों के श्रम और परंपरा को नमन किया।
मंत्री ने इस विशेष क्षण की तस्वीरें और भावनाएं सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हुए लिखा:
“झारखंड में ये वक्त धान रोपनी का है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस परंपरा का हिस्सा हूँ और इस धरती की बेटी!”
उन्होंने आगे लिखा कि झारखंड की माटी और मेहनतकश किसान इस राज्य की आत्मा हैं। धान रोपनी के समय ग्रामीण क्षेत्रों में जो उत्साह देखने को मिलता है, वह वास्तव में अनूठा होता है। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि इस वर्ष झारखंड के खेत एक बार फिर धान की लहलहाती फसल से भर जाएं और किसानों के चेहरों पर हमेशा मुस्कान बनी रहे।
इस दौरान मंत्री ने ग्रामीण महिलाओं और किसानों से संवाद भी किया, उनकी समस्याएं जानीं और राज्य सरकार की ओर से दी जा रही योजनाओं की जानकारी भी साझा की।
मंत्री तिर्की की यह पहल केवल एक प्रतीकात्मक संकेत नहीं है, बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी खुशहाली के लिए प्रयासरत है।
कृषि परंपरा और जनप्रतिनिधित्व का यह संगम झारखंड में एक नई सकारात्मक राजनीतिक संस्कृति की ओर इशारा करता है, जहाँ नेता जनता के बीच जाकर न केवल उनका हालचाल लेते हैं बल्कि उनकी जीवनशैली में सहभागी भी बनते हैं।