लिट्टीपाड़ा | संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
स्वच्छ भारत अभियान के तहत लिट्टीपाड़ा प्रखंड में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए शौचालय बेकार पड़े हुए हैं। शौचालयों का निर्माण तो हुआ है, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा है। कई शौचालयों में लकड़ी, गोबर या अन्य सामान भरा हुआ है, तो कई शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं।
संथाल हूल एक्सप्रेस के हमारे संवाददाता द्वारा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में किए गए स्थलीय पड़ताल में यह साफ़ देखा गया कि सैकड़ों शौचालयों का निर्माण वर्षों पहले हो चुका है, लेकिन इनका उपयोग आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीण आज भी खुले मैदान में शौच जाने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय तो बना दिए गए, पर न तो इनका समय पर प्रचार-प्रसार हुआ और न ही लोगों को इनके उपयोग के प्रति जागरूक किया गया। कुछ स्थानों पर अधूरे निर्माण और पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी शौचालय अनुपयोगी रह गए।
इस स्थिति ने स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है। सिर्फ निर्माण से नहीं, बल्कि उपयोगिता और जनजागरूकता से ही अभियान को सफल बनाया जा सकता है। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि शौचालयों के सही उपयोग और रख-रखाव के लिए विशेष अभियान चलाया जाए, ताकि खुले में शौच की प्रवृत्ति पर रोक लग सके।