रांची यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव लंबित:छात्र संगठनों मे आक्रोश

संथाल हूल एक्सप्रेस

रांची:राज्य की राजधानी रांची स्थित रांची यूनिवर्सिटी, जो कि झारखंड के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में से एक है, वहां छात्र संघ चुनाव पिछले कई वर्षों से नहीं हो सके हैं। वर्ष 2019 के बाद से अब तक छात्र संघ का गठन नहीं हुआ है। इसको लेकर विभिन्न छात्र संगठनों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। छात्र संगठन एकजुट होकर अब विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।

लोकतंत्र की हत्या बता रहे छात्र नेता

आजसू छात्र संघ. के ऋतुराज शाहदेव ने छात्र संघ चुनाव ना होने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“पिछले पांच वर्षों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। यह केवल विश्वविद्यालय की लापरवाही नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की हत्या है। छात्र संघ एक ऐसा मंच होता है जहां से छात्र अपनी समस्याएं उठा सकते हैं और उन्हें समाधान दिला सकते हैं। लेकिन जब मंच ही नहीं रहेगा, तो आवाज़ कौन सुनेगा?”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर चुनाव नहीं करवा रहा ताकि छात्रों की आवाज़ को दबाया जा सके और किसी भी गलत नीति पर सवाल ना उठाए जा सकें।

2। झारखंड छात्र मोर्चा के प्रताप सिंह ने कहा,
“छात्र संघ चुनाव केवल विश्वविद्यालयी राजनीति तक सीमित नहीं है। यह एक ट्रेनिंग ग्राउंड है, जहां से देश को कई बड़े नेता मिले हैं। यह लोकतंत्र की जड़ है। चुनाव ना होने से युवाओं को राजनीति में आने का अवसर नहीं मिल रहा। यह युवाओं के अधिकारों का हनन है।”

उन्होंने यह भी बताया कि विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्र, जो सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के साथ पढ़ाई करने आते हैं, उनके लिए छात्र संघ उनकी समस्याओं को उजागर करने और समाधान की दिशा में पहल करने का सबसे सशक्त माध्यम होता है। आज वह माध्यम ही नहीं बचा।

3 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता हर्ष ने विश्वविद्यालय की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा,
“लगातार चुनाव ना कराना यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पारदर्शिता और जवाबदेही से बचना चाहता है। जब छात्र संघ होता है, तो वह विश्वविद्यालय के गलत निर्णयों का विरोध करता है, छात्रों की समस्याएं उठाता है, और एक जवाबदेह प्रणाली बनाता है।”

उन्होंने कहा कि छात्र संघ के अभाव में विद्यार्थियों को अपनी समस्याओं के लिए न तो कोई मंच मिल पा रहा है और न ही समाधान।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

Leave a Comment