संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता, पाकुड़ नगर
पाकुड़: सदियों पुरानी परंपरा के अनुरूप गुरुवार को जिले भर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली गई। रथयात्रा की शुरुआत पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पाकुड़ राज्य में रथयात्रा की शुरुआत वर्ष 1697 में तत्कालीन राजा पृथ्वी चंद शाही ने की थी। तब से लेकर आज तक यह परंपरा श्रद्धा और उल्लास के साथ निभाई जाती रही है। भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर राजपाड़ा, भगतपाड़ा, ब्रिटिश स्कूल होते हुए मौसीबाड़ी गए, और फिर नगर भ्रमण के बाद पुनः राजबाड़ी स्थित मंदिर लौटे।
इस अवसर पर पाकुड़ की पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी भी उपस्थित रहीं। उन्होंने भगवान जगन्नाथ की विधिवत पूजा-अर्चना की और छोटी राजबाड़ी में आयोजित मेले का उद्घाटन किया।
एसपी निधि द्विवेदी ने अपने संदेश में कहा, “पाकुड़ की यह रथयात्रा महज एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भाईचारे, प्रेम और एकता का प्रतीक है। मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि इसे सौहार्द और खुशियों के साथ मनाएं। यह परंपरा हमें आपसी भाईचारे की सीख देती है।”
रथयात्रा और मेला को लेकर जिला प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की थी। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।