महेशपुर में उर्वरक दुकानों पर छापा, नियम उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी

खरीफ फसल की तैयारी के मद्देनजर प्रशासन सख्त, जमाखोरी व मुनाफाखोरी पर लगाम कसने की कवायद

महेशपुर ।

  • खरीफ मौसम की शुरुआत होते ही महेशपुर प्रखंड के उर्वरक विक्रेताओं पर जिला प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है। धान, मक्का व जूट जैसी प्रमुख फसलों के लिए खाद और बीज की बढ़ी मांग को देखते हुए बुधवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया।

जिला उपायुक्त के निर्देश पर गठित निरीक्षण दल में जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी धनेश्वर हेंब्रम और पणन सचिव संजय कच्छप शामिल थे। दल ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दुकानों में मौजूद स्टॉक, बिलिंग प्रणाली, रेट लिस्ट, लाइसेंस और बिक्री मूल्य की गहन जांच की।

निरीक्षण के दौरान कई दुकानों में अनियमितताएं पाई गईं, जिस पर संबंधित विक्रेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी विक्रेता द्वारा जमाखोरी या मुनाफाखोरी की शिकायत मिलने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

निरीक्षण दल ने किसानों से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी विक्रेता द्वारा एमआरपी से अधिक दर पर बिक्री या खाद की कृत्रिम कमी की शिकायत हो, तो वे तुरंत कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें।

प्रशासन की इस कार्रवाई से प्रखंड क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है, वहीं किसान इसे राहत भरी पहल मान रहे हैं।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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