लिट्टीपाड़ा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी की अगुवाई में लिट्टीपाड़ा में मलेरिया और कालाजार की रोकथाम हेतु कीटनाशी उपचारित मच्छरदानी निर्माण पर एक व्यवहारिक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय एनवीबीडीसीपी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और जिला स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय भागीदारी रही।
प्रशिक्षण में वीसीआरसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शख्तिवेल ने तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। इसमें प्रखंड स्तरीय निगरानी निरीक्षक, एमटीएस, कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक और एमपीडब्ल्यू कर्मियों को मच्छरदानी निर्माण की तकनीकी प्रक्रिया से अवगत कराया गया। उद्देश्य था – फील्ड में इनकी दक्षता को बढ़ाना और रोग नियंत्रण कार्य को सशक्त बनाना।
कार्यक्रम के पश्चात एकीकृत सक्रिय रोगी खोज (ACS) की समीक्षा बैठक प्रखंड कार्यालय में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता जिला बीबीडी पदाधिकारी ने की। बैठक में केंद्रीय, राज्य व जिला स्तर की टीमों ने भाग लिया। अधिकारियों को फील्ड कार्य में तेजी लाने, समयबद्ध रिपोर्टिंग और बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
केंद्रीय और राज्य टीमों ने जिले के प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया। यह पहल जिले में वेक्टर जनित रोगों के विरुद्ध समन्वित और प्रभावी कार्रवाई की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।