गुणवत्ता पर उठे सवाल, ग्रामीणों में रोष, जांच की मांग तेज
पाकुड़ ।
डीएमएफटी योजना के तहत जिले के प्रखंड महेशपुर की बाबुदहा पंचायत अंतर्गत नारगीटोला गांव में इमली पेड़ से हंसा पोखर तक बनी पीसीसी सड़क की स्थिति चार महीने में ही जर्जर हो गई है। सड़क पर जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं और सीमेंट की परतें उखड़ चुकी हैं। निर्माण कार्य में गुणवत्ता की भारी अनदेखी के आरोप लग रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराज़गी का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, इस सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत 27 दिसंबर 2024 को हुई थी और 10 फरवरी 2025 तक इसे पूर्ण कर लिया गया था। कुल 18,20,801.58 की लागत से तैयार की गई इस सड़क की हालत वर्तमान में बदहाल है, जो कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्य के दौरान न तो मानकों का पालन किया गया और न ही कोई तकनीकी निगरानी हुई। कई स्थानों पर सड़क की सतह उखड़ चुकी है, जिससे लोगों का चलना भी दूभर हो गया है।
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि जिस ठेकेदार को यह कार्य आवंटित किया गया था, उस पर पूर्व में भी कई योजनाओं में अनियमितता के आरोप लग चुके हैं। इसके बावजूद उसे पुनः कार्य देना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शीघ्र जांच नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।