संवाददाता, लिट्टीपाड़ा
लिट्टीपाड़ा प्रखंड के रांगा स्थित डिग्री कॉलेज परिसर में शुक्रवार को मांझी परगना व्यवस्था के तहत आतु चालाव बनाव संताल सोमाज रखी जोगाव बैसी सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू ने की। कार्यक्रम में प्रखंड के सभी 275 गांवों के मांझी, गुड़ित, नायकी, परगनात एवं संताल समाज के बुद्धिजीवी शामिल हुए।
विधायक हेमलाल मुर्मू ने उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि संताल समाज की संस्कृति और परंपरा को सशक्त बनाए रखने में समाज के पारंपरिक पदाधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे समाज के मांझी, गुड़ित, नायकी, प्राणिक मजबूत नहीं होंगे, तब तक संताल समाज प्रगति नहीं कर सकता।
उन्होंने विधानसभा में उठाए गए सरना धर्मकोड से संबंधित सवाल को भी सभा में पढ़कर सुनाया और कहा कि 12 करोड़ आदिवासी जनसंख्या होने के बावजूद आदिवासियों का अब तक अलग धर्मकोड नहीं होना दुखद है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरना धर्मकोड लागू नहीं होता, तब तक जातिगत जनगणना नहीं होने दी जाएगी।
सभा में झामुमो के जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम, जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली, केंद्रीय सदस्य सुनील टुडू, लिट्टीपाड़ा प्रखंड अध्यक्ष प्रसाद हांसदा, सचिव जावेद आलम, उपाध्यक्ष रंजन साहा, हिरणपुर प्रखंड अध्यक्ष इसहाक अंसारी, पूर्व जिला सचिव सुलेमान बास्की, वरिष्ठ कार्यकर्ता दानिएल किस्कू समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं और समाज को मिलकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी।