महेशपुर /पाकुड़ (संवाददाता)।
जिले भर में बिजली संकट ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। महेशपुर, पाकुड़िया, लिट्टीपाड़ा, हिरणपुर समेत पाकुड़ मुख्यालय में इन दिनों बिजली की आंख मिचौनी से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है। मुश्किल से तीन से चार घंटे बिजली मिल पा रही है, वो भी लो वोल्टेज के साथ। इससे बिजली का आना-जाना लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता।
ग्रामीण इलाकों में जहां छात्रों को पठन-पाठन में भारी परेशानी हो रही है, वहीं दूसरी ओर छोटे और लघु उद्योग ठप पड़ चुके हैं। दिन में तापमान बढ़ने के साथ ही बिना पंखे व कूलर के लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है।
पाकुड़ मुख्यालय व महेशपुर में हालत सबसे बदतर—
महेशपुर ब्लाॅक के साथ साथ पाकुड़ सदर की स्थिति और भी बदतर है। यहां बिजली कब आती है और कब चली जाती है, इसकी कोई जानकारी नहीं रहती। बेतरतीब बिजली कटौती से आम लोग तो परेशान हैं ही, साथ ही वे लोग भी प्रभावित हो रहे हैं जिनका रोजगार बिजली पर निर्भर है।
धरना-प्रदर्शन की तैयारी, चेतावनी के मूड में समाजसेवी—-
जिले में लगातार बिगड़ती बिजली व्यवस्था को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि इस महीने बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अगले महीने जिलेवासी बिजली कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे।
पाकुड़ एनडीए के पूर्व प्रत्याशी एवं समाजसेवी अजहर इस्लाम ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि बिजली व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे स्वयं सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता की परेशानी को नजरअंदाज करना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल—
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की अनदेखी और लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे लोगों में विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है।
लोगों की मांग — हो ठोस समाधान—
ग्रामीणों एवं शहरवासियों ने एक स्वर में मांग की है कि बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं। अन्यथा आंदोलन की राह अपनाना ही एकमात्र विकल्प रह जाएगा।