संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची:राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में पारंपरिक स्नान यात्रा धूमधाम से संपन्न हुई। इस धार्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों का विशेष जलाभिषेक कर स्नान कराया गया।स्नान यात्रा के पश्चात हिंदू परंपरा के अनुसार भगवान 15 दिनों के लिए ‘अनासर’ या एकांतवास में चले गए हैं। इस अवधि में भगवान बीमार माने जाते हैं और भक्तों को दर्शन नहीं देते। श्रद्धालु इस समय को भगवान की ‘आरोग्यता’ की कामना और भक्ति में व्यतीत करते हैं।
मंदिर के प्रथम सेवक सुधांशु नाथ शाहदेव ने कहा मान्यताओं के अनुसार अधिक स्नान होने से भगवान जगरनाथ की तबीयत अत्यधिक खराब हो जाती है जिस कारण भगवान 15 दिनों के एकांतवास में चले जाते हैं। अब 26 जून को एक बार फिर भक्तों को दर्शन देंगे, और उसके एक दिन बाद यानी कि 27 जून को भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि इसके बाद भगवान रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
वहीं आलोक दुबे ने कहा हर वर्ष की तरह इस बार भी रांची की जगन्नाथ रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है। प्रशासन और मंदिर समिति मिलकर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।