Search
Close this search box.

बड़ा पूजा महोत्सव का समापन: बंगाल और झारखंड के भजन गायकों द्वारा मधुर भजनों से भक्तों को झुमाया गया

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

रांची: राजधानी रांची के मनीटोला स्थित मां मनोकामना काली मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय बड़ा पूजा का समापन मंगलवार के दिन हुआ। बड़ा पूजा के अंतिम दिन बंगाल और झारखंड के कलाकारों के द्वारा मधुर संगीत पेश कर माहौल को भक्ति मय कर दिया गया। सचिव पवन पासवान ने बताया मां काली के कृपा से इस वर्ष भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक हो पाई है तमाम श्रृद्धालु श्रद्धा भाव से मां के दर्शन कर चुके हैं आशा है आने वाले समय में और वृहद कार्यक्रम का आयोजन जय मां काली जगदम्बा ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। बड़ा पूजा के समापन के अवसर पर भजन संध्या एवम जागरण का कार्यक्रम रखा गया जिसमें भजन गायक शुभम भास्कर, भजन गायिका कोमल छाया, भजन गायक हरीश उर्फ लल्ला और भजन गायिका स्वीटी राज ने मां काली को समर्पित विभिन्न भजनों से भक्तों का मन मोह लिया।

काली माई बड़ी हमरा गाँव…… भक्त झूम उठे भजनों के धुन में
बड़ा पूजा के अंतिम दिन मां काली के भक्त अपने पांवों को थिरकने से नहीं रोक पाए दरअसल भजन गायकों के द्वारा गाए गए आकर्षक भजनों से कार्यक्रम स्थल में श्रद्धालुओं के बीच एक अलग उत्साह देखा गया। प्रख्यात भजन काली माई बड़ी हमरा गाँव…… जब प्रस्तुत की गई तो युवा से लेकर महिलाएं झूम उठी जमकर मां काली के जयकारे लगाए गए।

बच्चों के द्वारा शिवस्तुति की प्रस्तुति दी गई
भजन संध्या के दौरान नगड़ी के स्टार इंटरनेशनल स्कूल से आए छोटे छोटे बच्चों के द्वारा भी बेहद ही प्रभावशाली शिवस्तुति की प्रस्तुति दी गई जो सभी भक्तों के मन को छू गया। सर्वप्रथम शिवस्तुति ….आशुतोष शशांक शेखर की माध्यम से भक्ति की एक अलग राग उत्पन्न कर दी गई उसके बाद शिव स्वर्णमाला स्तोत्र शंकराचार्य कृत सुनाई गई जिससे पूरा वातावरण भक्ति मय हो गया। सोनाली, तनु , नैंसी , मेघा, कल्याणी , तनु मिंज, जागृति , मनीषा, कंचन, लक्ष्मी , मेंटर निशा द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में इनका रहा अहम योगदान
राजा पासवान ,बिट्टू कुमार, चंदन पासवान ,रवि राय ,नीरज , सुमित कुमार, सौरभ राय,मनीष राय ,सानू ,अंजना टोप्पो ,दीपिका ,निशु, मोनी विनीता ,शिल्पा, सविता ,ममता, रवीना ,सोनी देवी संदीप राम सचिन राम उपस्थित रहे।

Leave a Comment

और पढ़ें