पारा शिक्षक की बेटी गीतांजली बनी मैट्रिक झारखंड टाॅपर

किसान की बेटी रितु कुमारी बनी झारखंड की सेकंड टॉपर,

संथाल हूल एक्सप्रेस रांची / मनोज प्रसाद

पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा जैसे छोटे से गांव की बेटी रितु कुमारी ने झारखंड मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2025 में 98.20% अंक प्राप्त कर पूरे राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है। उसकी इस उपलब्धि से न सिर्फ गांव बल्कि पूरे प्रखंड में खुशी की लहर है।

रितु के पिता गौतम पाल एक साधारण किसान हैं और माता बीना देवी गृहिणी हैं। पढ़ाई-लिखाई अधिक न होने के बावजूद दोनों ने बेटी की शिक्षा को प्राथमिकता दी। रितु ने वर्ष 2021 में इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय, हजारीबाग में कक्षा षष्ठम् में प्रवेश लिया और यहीं से उसकी प्रतिभा को नया मुकाम मिला।

रितु वर्तमान में कोटा (राजस्थान) में रहकर इंजीनियर बनने की तैयारी कर रही है। उसके पिता ने बताया कि “रितु हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही है। वह मोबाइल से दूर रहती है और छुट्टियों में जब घर आती थी तो भी किताबों में डूबी रहती थी।”

संयुक्त परिवार में रहने वाली रितु के साथ उसके माता-पिता, दादा भरत पाल, दो चाचा-चाची और छोटा भाई प्रीतम पाल (कक्षा 8वीं) भी रहते हैं। पूरे परिवार ने उसकी इस सफलता पर गर्व जताया है।

माता बीना देवी ने कहा कि “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी पूरे राज्य में टॉपर बनेगी। लेकिन उसकी मेहनत, लगन और अनुशासन ने यह साबित कर दिया कि सपने पूरे किए जा सकते हैं।”

रितु ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा-दादी, विद्यालय के शिक्षकों और इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय के वातावरण को दिया है। वह आगे चलकर एक सफल इंजीनियर बन देश और समाज का नाम रोशन करना चाहती है।

गीतांजली बनी झारखंड स्टेट टाॅपर—-

मैट्रीक परीक्षा में गीतांजलि कुमारी ने पूरे राज्य में टॉप कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने 493 अंक (98.60%) प्राप्त किए हैं। गीतांजलि का परिवार साधारण है; उनके पिता एक पारा शिक्षक हैं, और वह अपने परिवार में सबसे बड़ी हैं। परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है। सीमित संसाधनों के बावजूद, गीतांजलि की मेहनत ने उन्हें इस सफलता तक पहुंचाया है।

गीतांजलि की इस उपलब्धि ने साबित किया है कि किसी भी परिस्थिति में मेहनत और समर्पण के बल पर सफलता संभव है। उनके टॉप करने की खबर को लेकर सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में उन्हें भरपूर सराहना मिल रही है।

रितु और गीतांजलि की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि झारखंड के सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा प्रस्तुत करती है। यह साबित करती है कि यदि व्यक्ति मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़े, तो कोई भी बाधा उसे सफल होने से नहीं रोक सकती। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा हासिल की गई ये उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।

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