हिरणपुर (संथाल हूल एक्सप्रेस)।
बुधवार की दोपहर हिरणपुर के मुख्य बाजार स्थित मध्य विद्यालय में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने विद्यालय प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया। कक्षा प्रथम की एक नन्हीं छात्रा, सोनम मरांडी, छुट्टी के बाद भी स्कूल परिसर में ही बंद रह गई।
सूत्रों के अनुसार, सोनम, जो कि हिरणपुर के एक निजी छात्रावास में रहकर पढ़ाई करती है, किसी कारणवश छुट्टी के समय कक्षा से बाहर नहीं निकल सकी। अनुमान लगाया जा रहा है कि छुट्टी के समय वह शौचालय गई हुई थी और इसी दौरान कक्षा का दरवाज़ा बंद कर दिया गया।
करीब आधे घंटे तक वह बच्ची अकेली कक्षा में रोती रही। तभी कुछ स्थानीय नागरिकों ने रोने की आवाज़ सुनी और तुरंत विद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी दी। प्राचार्य विजय सिंह एवं अन्य शिक्षकों ने तत्परता दिखाते हुए दरवाज़ा खोला और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
इस घटना पर प्राचार्य विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा, “विद्यालय बंद करते समय सभी कक्षाओं की जांच की गई थी। संभवतः बच्ची छुट्टी के समय शौचालय गई होगी, इसलिए छूट गई।”
हालांकि, सवाल यह उठता है कि यदि विद्यालय प्रशासन सच में सतर्क होता, तो ऐसी घटना घटती ही नहीं। एक मासूम बच्ची की सुरक्षा के लिए केवल अनुमान या परंपरागत जांच पर्याप्त नहीं हो सकती। यह घटना एक बार फिर से दर्शाती है कि विद्यालयों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सख्ती से पालन की आवश्यकता है।
स्थानीय लोगों की सजगता और समय पर दी गई सूचना ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया। वहीं, यह घटना यह भी सिखाती है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति पूरे समाज को सतर्क रहना होगा।