संथाल हूल एक्सप्रेस महेशपुर संवाददाता निर्मल कुमार
महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा गांव के किसान इन दिनों अनियमित बिजली आपूर्ति और लो-वोल्टेज की समस्या से बुरी तरह प्रभावित हैं। खेतों में खड़ी फसलें जैसे कच्चू, मकई और हरी सब्जियों की सिंचाई के लिए जहां नलकूप ही एकमात्र सहारा हैं, वहीं बिजली की आंख-मिचौली ने किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं।
गांव में नलकूपों की व्यवस्था तो है, लेकिन बिजली की कमी ने इन संसाधनों को लगभग निष्क्रिय कर दिया है। किसान बताते हैं कि इस भीषण गर्मी में जब फसल को हर दिन पानी की जरूरत होती है, तब बिजली या तो आती नहीं या कम वोल्टेज के कारण पंप चालू नहीं हो पाते। अगर कभी बिजली आती भी है तो कुछ ही मिनटों में कट जाती है।
किसानों का कहना है कि जिस खेत की सिंचाई सामान्य तौर पर दो घंटे में हो जाती थी, वहां अब छह से आठ घंटे लग रहे हैं। दिनभर कड़ी धूप में खेतों में बिजली का इंतजार करते हुए किसान थक चुके हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल पाया है।
ग्रामीणों और किसानों ने विभागीय अधिकारियों और प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति में शीघ्र सुधार लाया जाए, ताकि फसल बर्बाद होने से बचाई जा सके और किसानों को राहत मिल सके।